आगरा। रविवार का दिन निकाय चुनाव के पार्षद प्रत्याशियों के नाम रहा। छुट्टी का दिन होने के वाबजूद भी नगर निगम में पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल हो रहे थे जिसके कारण प्रत्याशियों के साथ-साथ लोगों का अच्छा खासा जमावड़ा नगर निगम के बाहर देखने को मिला। प्रत्याशी अपने दल बल के साथ नगर निगम नामांकन करने पहुंचे लेकिन पुलिस प्रशासन ने निगम के भावी प्रत्याशियों के समर्थकों को रोककर सिर्फ प्रत्याशी और उनके प्रस्तावकों को ही अंदर जाने दिया।
रविवार को सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने बढ़चढ़कर नामांकन किया। कांग्रेस प्रत्याशियों का कहना था कि भाजपा का निगम पर पिछले 25 सालों से कब्जा है लेकिन फिर भी शहर के मेयर ने शहर के लिए कुछ नहीं किया। इतना ही नहीं भाजपा के पार्षदों ने भी पार्षद रहते हुए क्षेत्र में कुछ विकास नहीं कराया जिसके कारण समस्याएं जस की तस बनी हुई है। वहीं भाजपा प्रत्याशियों का दावा था कि माहौल उनके पक्ष में बना हुआ है और इस बार निगम पर भाजपा का ही कब्ज़ा होगा। वहीं सपा के पार्षद प्रत्याशी भी लगातार भाजपा को कोसते हुए नजर आए। भाजपा के पार्षद प्रत्याशी का कहना था कि एक बार फिर निकाय चुनाव में उनकी जीत होगी क्योंकि जनता उनके साथ है। पिछले 5 सालों में जो उन्होंने कार्य किए हैं जनता उसी का जवाब देते हुए एक बार फिर उन्हें चुनेगी।