आगरा। ताजनगरी में रविवार को देश के जाने-माने ब्लॉगर्स का जमावड़ा लगा। चर्चा हुई ब्लॉगिंग की मौजूदा स्थिति और उसके भविष्य पर। विषय विशेषज्ञ वक्ताओं ने कहा कि ब्लॉगिंग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है बशर्ते उसका कंटेंट अच्छा हो इस कार्यक्रम में 15 वर्ष से लेकर 65 वर्ष के ब्लागर्स ने शिरकत की। मौका था रुद्रा संस्था की ओर से आगरा में पहली बार आयोजित ब्लॉगर्स मीट का। ताजनगरी व देश के अन्य हिस्सों से ब्लॉगिंग की दुनिया के तमाम सितारों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
विजय नगर स्थित आगरा पब्लिक स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम के पहले सत्र में शायर अशोक रावत, प्रतीक पांडे, डॉ. रितुराज पाठक व कार्तिकेय शर्मा ने अपने विचार रखे। माइक्रो ब्लॉगर अशोक रावत ने बताया कि ग़ज़ल पर ब्लॉक कैसे लिखा जाता है। उन्होंने कहा कि उर्दू ग़ज़ल की एक पुरानी विधा मानी जाती है लेकिन आज के दौर में विदेश में बैठे लोग भी आसानी से उर्दू को अपनी भाषा में अनुवाद करके समझ सकते हैं। देश का नंबर वन एस्ट्रोलॉजी ऐप एस्ट्रोसेज कुंडली को बनाने वाले प्रतीक पांडे ने बताया कि यह समय हिंदी का स्वर्णिम काल है। जब उन्होंने ब्लॉगिंग शुरू की थी, तब हिंदी में काम करना बहुत मुश्किल था लेकिन आज इतने सारे टूल्स उपलब्ध हैं, जिनसे हिंदी में ब्लॉगिंग के क्षेत्र में आसानी से सफलता पाई जा सकती है। युवा ब्लॉगर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आज की जनरेशन टेक्नोलॉजी और विज्ञान के क्षेत्र के ब्लॉग ज्यादा पसंद कर रही है। कार्तिकेय ने बताया कि अपने ब्लॉग में जब तक हम अपने जीवन से जुड़ी चीजों का उल्लेख नहीं करते हैं, तब तक लोग उसे पढ़ना पसंद नहीं करते। डॉ. रितु राज पाठक ट्रैवल जींस नाम से ब्लॉक चलाते हैं। उन्होंने बताया कि शौक में शुरू किया गया यह काम लेकिन अब उनके रोजगार का एक अहम हिस्सा है।
दूसरे सत्र में मशहूर ब्लॉगर शिवांगी पेसवानी, डॉ. रोली तिवारी मिश्रा, राजीव सक्सेना और गायत्री शर्मा ने अपने विचार रखे। रोली तिवारी ने कहा कि प्रिंट मीडिया में लिखना और सोशल मीडिया में लिखना बिल्कुल अलग बातें हैं। सोशल मीडिया में लिखी थोड़ी सी भी चूक हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकती है। शिवांगी पेसवानी ने कहा कि ब्लॉगिंग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में लोग फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़े ब्लॉग्स को ज्यादा पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि इंफॉर्मेशन ब्लॉगर और थॉट ब्लॉगर बिल्कुल एक दूसरे से अलग है। राजीव सक्सेना ने सोशल मीडिया व अखबारों का विश्लेषण करते हुए कहा कि ब्लॉग वही पढ़े जाते हैं जिनका कंटेंट अच्छा होता है, उन्होंने बताया कि आज के दौर में भी लोग ब्लॉग्स पर सिर्फ हेडलाइन पढ़ना पसंद करते हैं, खबरें आज भी अखबारों में ही पढ़ी जाती हैं। गायत्री शर्मा ने कहा कि कम उम्र के बच्चे ब्लॉग बना तो लेते हैं लेकिन उसे मेंटेन नहीं कर पाते हैं। ब्लॉगिंग करने के लिए बहुत ज्यादा सहनशीलता की जरूरत होती है, जब तक आप किसी भी विषय के लिए गंभीरता से काम नहीं करेंगे तब तक आप इसमें सफलता नहीं पा पाएंगे।
कार्यक्रम के अंत में समाजशास्त्री डॉ. बृजेश चंद्रा ने संस्था की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। उपाध्यक्ष अमित पंडित, समन्वयक मीतेन रघुवंशी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम व सत्र संचालन प्रभजोत कौर ने किया। आगरा पब्लिक स्कूल के चेयरमैन महेश शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
इस मौके पर समाजसेवी केसी जैन, डॉ एसपी सिंह, ऋचा जैन, धनवान गुप्ता, श्रद्धा गर्ग, नीतू धनवानी, शमीम रफीक, आरसी गुप्ता, डॉ. महेश धाकड़, प्रतीक खंडेलवाल, राजीव खंडेलवाल, निहारिका श्रीवास्तव, मानस रघुवंशी, सपना ग्वालानी, रुद्रा रघुवंशी, जावित्री सिंह, राकेश कुमार, शिवम शाक्य, उमंग गुप्ता, जीत परमार, सौम्या मिश्रा संदली मिश्रा मनु मिश्रा, सतीश कुमार अविनाश चौधरी करण बत्रा आदि मौजूद रहे।