आगरा। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस की छवि को सुधारने के लिए प्रयासरत हैं जिससे आम व्यक्ति पुलिस से डरे नहीं लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी पुलिस अधिकारियों की इस पहल को पलीता लगा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस के बड़े अधिकारियों ने कार्यवाही की है और रुनकता चौकी के प्रभारी अरुण सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश, सिपाही धर्मेंद्र, सुशील और अनिल को निलंबित कर दिया गया। निलंबित पुलिसकर्मियों पर एक व्यापारी के साथ मारपीट व अवैध वसूली की थी।
मामला जोधपुर के तेल व्यवसायी से जुड़ा हुआ है। जोधपुर का एक तेल व्यवसायी मुंशी नौ सितंबर को टाटा 407 में माल लेकर भोपाल से आगरा होते हुए जोधपुर जा रहा था। मेटाडोर में 15 ड्रम डीजल था। इसका जीएसटी बिल भी था। आरोप के मुताबिक, सुबह तकरीबन नौ बजे मेटाडोर रुनकता क्षेत्र में पहुंची। पुलिसकर्मियों ने चेकिंग के नाम पर रोक लिया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने प्रवेश शुल्क के रूप में एक हजार रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर मुंशी और चालक जितेंद्र को चौकी पर ले आए। जितेंद्र को कुछ देर बाद छोड़ दिया। इसके बाद चौकी में पुलिसकर्मियों ने मुंशी मांगीराम चौधरी की पिटाई की। जेब में रखे 23 हजार रुपये छीन लिए। ड्रम सीज कर दिए। शाम तकरीबन चार बजे तक चौकी में अवैध हिरासत में रखा गया। इसके बाद उसे छोड़ दिया।
पीड़ित ने इस मामले की शिकायत जोधपुर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से की। केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मामला एडीजी जोन अजय आनंद के पास पहुँचा। उन्होंने मामले की जांच प्रशिक्षु आईपीएस को दी। जांच में मारपीट की बात सही निकली। बिना जांच के ड्रम सीज करने की बात सामने आई। प्रशिक्षु आईपीएस ने रिपेार्ट एडीजी को सौंपी। जांच रिपोर्ट के बाद एडीजी ने एसएसपी बबलू कुमार को कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने रुनकता चौकी प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच भी शुरू करा दी गई है।