Agra. चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाकों के गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं जिसके कारण गांव का पूरी तरह से संपर्क टूट गया है। रास्ते जलमग्न हो गए हैं। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, मऊ की मढ़ैया, गुढ़ा समेत सात गांवों में आवाजाही पूरी तरह से बंद है। चंबल में बढते जलस्तर के कारण लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे टीलों पर तंबू बना कर रहे हो। मध्यप्रदेश में हो रही बारिश और कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। बुधवार सुबह चंबल को जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था तो वहीं आज गुरुवार सुबह 7 बजे पिनाहट पर नदी का जलस्तर 135.60 मीटर रहा। चंबल में खतरे का निशान 132 मीटर है और चंबल तीन मीटर से ऊपर बह रही है।

लगभग चालीस गांव बाढ़ से प्रभावित
चंबल के बढ़ते जलस्तर के कारण चंबल नदी इस समय खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है इसके कारण क्षेत्र के लगभग 40 गांव प्रभावित हैं। 10 गांव जो पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं जिनका संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
ऊंचे टीले पर जीवन यापन को मजबूर
चंबल नदी के ऊपर से जलस्तर के कारण आई बाढ़ के चलते बाह और पिनाहट के गांव प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ से प्रभावित गांव के लोग अपनी जान बचाने के लिए चंबल के ऊंचे ऊंचे टीलों पर टेंट लगाकर जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं। वहां से प्रभावित लोग दैनिक वस्तुओं के साथ-साथ अपने पशु पक्षियों को ऊंचे टीले पर ले गए हैं।
प्रशासन की तरफ से नहीं कोई इंतजाम
इस स्थिति में भी प्रशासन ने इन पीड़ितों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है जिसके कारण बेघर हुए इन ग्रामीणों को खुले आसमान में फटे तिरपाल को आशियाना बनाया हुआ है तो वहीं खाने पीने की वस्तुओं को लेकर भी लोगों को खासी परेशानी हो रहे हैं। घरों के साथ-साथ गांव में लगे विद्युत पोल भी पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए विद्युत विभाग की ओर से विद्युत सप्लाई को बंद कर दिया गया है जिसके कारण बाढ़ से प्रभावित लगभग 40 गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं।
बाढ़ में फंसे युवक की पुलिस ने बचाई जान
बीती रात एक किसान स्टार्टर निकालने पहुंचा और बाढ़ में फंस गया। जान बचाने के युवक पेड़ पर चढ़ गया। घटना की जानकारी होते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने युवक को बमुश्किल बाहर निकाल के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
तटवर्ती इलाकों के जलमग्न होने के बाद प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। ग्रामीणों की बढ़ती परेशानियों को लेकर अब प्रशासन अपने चेंबर से बाहर निकल कर बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने को मजबूर हैं।
वन विभाग ने लगाए 4 स्ट्रीमर
बाढ़ से घिरे गांव में लोगों के आवागमन के लिए प्रशासन द्वारा वन विभाग के 4 स्ट्रीमर का संचालन किया जा रहा है जिनके माध्यम से वहां फंसे लोगों को निकाला जा रहा है तो खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है।