आगरा। दीवानी के गेट नंबर एक पर स्थित पेट्रोल पंप पर रविवार शाम हादसे में 4 वर्षीय मासूम की मौत हो गयी। दरअसल आगरा में आये तूफान के कारण बाइक सवार युवक अपने बेटे के पेट्रोल पंप के नीचे खड़े हो गए। अचानक पंप का छज्जा गिर गया और नीचे खड़े 4 वर्षीय मासूम के ऊपर मलबा गिर गया। मासूम का पिता जैसे-तैसे अपने घायल बच्चे को लेकर देहली गेट स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे लेकिन इलाज़ के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
मूलरूप से सादाबाद के बिसावर निवासी दिलीप कुमार ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनका बड़ा बेटा कृष्णा है, जबकि छोटा यश था। कृष्णा को कुत्ते ने काट लिया था। उसे दो इंजेक्शन लग चुके थे। अब तीसरा लगना था। इसके लिए इंजेक्शन लेने घर से निकले थे। छोटा बेटा भी साथ में आ गया। शाम को आये तेज़ तूफान के कारण। बाइक को साइड में लगाकर पेट्रोल पंप के नीचे खड़े हो गए थे। धूल से बच्चे को बचाने के लिए उसे अपना हेलमेट पहना दिया था लेकिन उन्हें नहीं पता था कि पंप पर छज्जा गिर जाएगा। छज्जे के गिरे मलबे से बच्चे ने जो हेलमेट पहन रखा था, वह चकनाचूर हो गया था।
बेटे की मौत से मां पूजा बेसुध हो गई। बाद में परिजन पेट्रोल पंप पर पहुंच गए। उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया। मृत बालक यश के पिता दिलीप ने पंपकर्मियों पर मदद न करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यदि बेटे को समय से अस्पताल ले जा पाते तो उसकी जान बच सकती थी। उनके चार साल के बेटे को सिर में गंभीर चोट लगी थी, उसके सिर से खून बह रहा था। वह पंपकर्मियों से बेटे को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
दिलीप ने आरोप लगाया कि उन्होंने बेटे को अस्पताल ले जाने के लिए पंप कर्मियों से कहा, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। इस पर हाथ जोड़े। काफी देर तक प्रार्थना करते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इस पर एक राहगीर से सहायता मांगी। तब बेटे को देहली गेट स्थित एक अस्पताल में ले जा सके। वहां बेटे को वेंटिलेटर पर रखा गया, उसने दम तोड़ दिया।
उन्होंने पंप कर्मियों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी है। यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद पहुंची पुलिस यही कह रही थी कि हादसा हुआ है। वह पंप वालों का पक्ष ले रही थी। पंप पर तो सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं थे।
दूसरी और पंप के कर्मचारी अशोक ने बताया कि पिता-पुत्र तेज हवा चलने पर पंप पर रुक गए थे। तभी अचानक हादसा हो गया। बच्चे को अस्पताल ले जाने पर पिता की पूरी मदद की थी। लापरवाही और मदद नहीं करने का आरोप गलत है। पंप मैनेजर भी अस्पताल गए थे। पुलिस भी आ गई थी।