Mathura. भारतीय सीमा में अवैध रूप से घुसपैठ कर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में अवैध रूप से रहने के आरोप में मथुरा की जिला जेल में बंद 21 बांग्लादेशी नागरिकों को सोमवार को रिहा कर दिया गया। सोमवार को उनकी सजा पूरी होने के बाद रिहाई हुई और उन्हें उनके वतन भेज दिया गया। सीमा पर बीएसएफ द्वारा प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को देश के पश्चिमी बंगाल बार्डर पर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआइयू) की टीम इनको बीएसएफ की सुपुर्दगी की देगा। बीएसएफ सभी को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल के हवाले कर देगी।
हाईवे पुलिस ने 1 नवंबर 2019 को पांच, छाता पुलिस ने 28 जुलाई 2019 को नौ और रिफाइनरी पुलिस ने 14 जनवरी 2019 को सात बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनमें 13 पुरुष और आठ महिलाएं थीं। इनके साथ तीन बालक और छह बालिका भी शामिल थीं। यह सभी बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत में आए थे और अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अवैध रूप से रहते हुए पकड़े गए थे। 14 विदेशी अधिनियम के तहत सभी आरोपितों को एक साल से अधिक की सजा अलग-अलग अदालत से सुनाई गई थी। आरोपितों पर पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना भी किया गया। जुर्माना के धनराशि न जमा करने पर पांच-पांच दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई गई। किसी ने भी जुर्माना अदा नहीं किया।
जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया आरोपितों की सजा अलग-अलग तिथियों में पूरी हुई। सभी को इनके वतन वापस भेज दिया गया है। एलआइयू और पुलिस रोडवेज की बस से इन सभी को पश्चिमी बंगाल के बार्डर स्थित बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के हेडक्वार्टर लेकर गई है। बीएसएफ इन सभी को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल की सिपुर्दगी में दिए जाने की कार्रवाई करेगी। जेल अधीक्षक ने बताया, अभी जेल में 40 विदेशी बंद हैं। इनमें 36 बांग्लादेशी हैं, जबकि एक-एक बंदी इरान, पाकिस्तान, अमेरिका और चेकोस्लाविया का निवासी है।
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