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156 परिवारों ने दी महामाई के महायज्ञ में आहूति

by admin

• जगमग ज्योत जले मण्डप में, मां कामाख्या के दरबार…
• गुप्त नवरात्रों की षष्ठी के दिन हजारों श्रद्धालुओं न लगाई मुख्य कुण्ड की परिक्रमा

आगरा। गुप्त नवरात्रों की षष्ठी के दिन मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ में आज हजारों श्रद्धालुओं ने महामाई के दर्शन कर महामाई के जयकारों संग परिक्रमा लगाई। 156 परिवारों ने महायज्ञ में आहूति दी। यज्ञ कुण्ड पर स्थापित वसोर्धारा से महामाई के महायज्ञ की ज्योति मुख्य कुण्ड में अनवरत प्रज्जवलित है। दोपहर में श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक संजय शास्त्री द्वारा श्रीराम कथा का श्रवण व संध्या काल में महारास का आनन्द लिया।

परम पूज्य संत श्री कीर्तिनाथ जी महाराज के नेतृत्व में शास्त्रीपुरम, सुनारी में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ स्थल पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मां कामाख्या व भैरव बाबा के स्थापित ध्वज व मुख्य हवन कुण्ड की प्रतिक्रमा के लिए पहुंच रहे हैं। परिवार के साथ सम्मलित रूप से हवन यज्ञ में आहूति दी जा रही है। कोई मेवाओं से तो कोई पुष्पों से अपनी श्रद्धा के अनुसार परिक्रमा दे रहा है। आज आयोजन समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल ने भी अपनि परिवार के साथ महायज्ञ में आहूति दी।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारीप्रसाद अग्रवाल, वंदना मेड़तवाल, गुड्डा प्रधान, राहुल अग्रवाल, शम्भूनाथ चैबे, मुकेश अग्रवाल अवि गोयल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, खेमसिंह पहलवान, मीना अग्रवाल, जयशिव छोकर, मुन्ना मिश्रा, वीरेन्द्र मेड़तवाल, दिव्या मेढतवाल, सीमा गोयल, रीया आदि उपस्थित थे।

ईको फ्रैंडली है महामाई का दरबार
मां कामाख्या सहस्त्र चण्डी 108 कुण्डीय महायज्ञ में सब कुछ ईको फ्रैंडली है। यज्ञशालाओं को बांस, मिट्टी, धान की फूंस व गोबर से निर्मित किया गया है। वहीं परिसर में सजी 56 मूर्तियां भी इन्ही पदार्थों से बनाई गईं हैं। आसाम से आए परम पूज्य संत श्री कीर्तिनाथ जी महाराज की कुटिया भी फूंस व बासों से तैयार की गई है। भोजन स्थल पर पानी के ग्लास, पत्तलों से लेकर हर जगह ईको फ्रैन्डली चीजों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। साथ ही प्रतिदिन 108 कुण्डों से ऊठती महायज्ञ की धूनी भी वातावरण को शुद्ध कर रही है।

भावी पीढ़ी को महायज्ञ से जोड़े, सनातन से परिचय कराएं
आयोजन समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारीप्रसाद अग्रवाल ने शहरवासियों से बच्चों को यज्ञस्थल पर लाकर महायज्ञ में आहूति दिवलाने का आग्रह किया। कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में शामिल होने से ही भावी पीढ़ी सनातन धर्म और संस्कृति को समझ पाएगी। बेहतर इंसान बनने के लिए शिक्षा के साथ आत्मज्ञान को होना भी जरूरी है।

108 कुण्डीय महयज्ञ 18 फरवरी को संतों का विराट सम्मेलन होगा।
मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि 18 फरवरी संतों को दोपहर 12-2 बजे विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह व यज्ञोपवित (जनेऊ संस्कार) का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत के विभिन्न धार्मित स्थलों (काशी, उज्जैन, अयोध्या, मिथिला, आसाम, वृन्दावन) के 300 से अधिक साधू संत भाग लेंगे। सनातम धर्म व संस्कृति विषय पर संवाद होगा। 20 फरवरी को महायज्ञ पूर्णाहूति, सम्मान समारोह व भंडारे का आयोजन होगा। 21 फरवरी को सभी स्थापित मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।

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