आगरा। पिछले 25 सालों से लोकसभा और विधानसभा में आगरा से अपनी राजनीतिक वजूद को बचाने का प्रयास कर रही कांग्रेस पार्टी की शहर के नगर निकाय चुनाव में भी जमीन खिसकने लगी है। व्यक्तिगत छवि वाले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में नहीं ला पाई जिसके कारण पार्टी की स्थिति में सुधार हो और पार्टी के प्रत्याशी जीतकर पार्टी को मजबूत कर सके।
पिछले नगर निकाय चुनाव पर अगर प्रकाश डाला जाए तो यह चुनाव पूर्व शहर अध्यक्ष अश्वनी जैन के नेतृत्व में लड़ा गया था। उनके नेतृत्व में पार्टी के 5 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी और एक निर्दलीय प्रत्याशी उनके समर्थन से चुनाव लड़ा था जो विजय हुआ था। यानी पिछली बार कांग्रेस के पास कुल 6 पार्षद नगर निगम में थे लेकिन इस बार के चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस की स्थिति ओर भी ज्यादा खराब कर दी है।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का जनाधार और कांग्रेस से निगम के सदन में क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व करने वालों की संख्या घट गई है। इस बार कांग्रेस पार्टी से दो ही प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है। वार्ड 47 से शिरोमणि सिंह और वार्ड 100 से मनीष धाकड़ ने जीत दर्ज कर कांग्रेस की लाज़ रखी है।
निकाय चुनाव में राष्ट्रीय पार्टी की इस स्थिथि को लेकर कांग्रेस के अध्यक्ष से बात की गयी तो उनका कहना था कि कुछ गलतियां कांग्रेस हाई कमान से हुई है तो कुछ कांग्रेस पार्टी में रहकर अन्य पार्टीयों के लिए काम करने वालों ने चुनाव का गड़ित बिगाड़ दिया जिससे यह स्थिति हुई। संगठन भी सही प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाया। यह चुनाव व्यक्तिगत छवि वाला होता है। इतना ही नहीं बूथ स्तर पर भी पार्टी का संगठन मजबूत ना होने के कारण यह स्थिति बन गई है कि अब एक राष्ट्रीय पार्टी को अपनी जमीन बचाने के लिए प्रयास करने पड़ रहे हैं।