आगरा। शिलान्यास पट्टिका को लेकर जारी हर नए फरमान के खिलाफ पार्षदों ने नागर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिलान्यास पट्टिका को लेकर जारी नए फरमान के विरोध में सोमवार को आधा दर्जन से अधिक पार्षदों ने नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। अपनी आवाज नगर आयुक्त तक पहुँचाने के लिए पार्षदों ने नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया और अपना आक्रोश भी व्यक्त किया। इस दौरान गुस्साए पार्षदों ने नगर निगम में तोड़फोड़ भी कर दी। कुछ पार्षदों ने तो नगर आयुक्त की पट्टिका को भी तोड़ डाला।
इसके बाद नगर निगम पहुँचे नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का आक्रोशित पार्षदों ने घेराव किया और अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं भी दी। पार्षदों ने शिलान्यास पट्टिका में हुए संशोधन और उसके लिए जारी किए फरमान को लेकर नगर आयुक्त से सवाल जवाब भी कर डाले। पार्षदों ने शिलान्यास पट्टिका को अपने सम्मान से जोड़ लिया है और शिलान्यास पट्टिका पर आर पार की लड़ाई का एलान कर दिया है।
बताया जाता है कि शिलान्यास पट्टिका में पहले महापौर, नगर आयुक्त और क्षेत्रीय पार्षद का नाम हुआ करता था लेकिन अब इसमें संसोधन कर विधायक और सांसद का नाम भी जोड़ दिया गया है जिसको लेकर कुछ पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है।
बसपा पार्षद धर्मवीर का कहना था कि जब विधायक और सांसदों के नाम ही शिला पट्टिका पर लिखे जाएंगे तो उनका सम्मान कहाँ रहा जबकि क्षेत्र के विकास और उनकी समस्याओं के लिए सिर्फ पार्षद ही लड़ता और जुटा हुआ नजर आता है। नगर निगम के इस फरमान ने पार्षदों के सम्मान में ठेस पहुंचाई है तो वहीं भाजपा के पार्षद राहुल चौधरी और वर्षा शर्मा का कहना था कि पहले से ही शिलान्यास पट्टिका पर विधायक के नाम को लेकर खींचतान चल रही थी लेकिन अब सांसद का नाम जुड़ जाने से ऐसा लगता है जैसे आग में पेट्रोल डालने का काम किया जा रहा है। अगर नगर निगम ने अपने इस फरमान को वापस नहीं लिया तो यह विरोध प्रदर्शन और उग्र होगा।
इस मामले को लेकर नगर आयुक्त प्रकाश से भी वार्ता की गई और उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसका हल निकालने की बात कही लेकिन जिन पार्षदों ने उनके नाम की शिला पट्टिका को तोड़ा है उसके विरुद्ध भी क़ानूनी कार्यवाही करने की बात नगर आयुक्त कह रहे हैं।