केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैंसर, दिल के मरीजों को बड़ी राहत दी है। राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक (एनपीपीए) ने 51 आवश्यक दवा फॉर्मूलेशन के दाम छह से 53 फीसदी तक कम कर दिए हैं। एनपीपीए ने अलग से जारी की गई अधिसूचना में कहा कि उसने 13 फॉर्मूलेशन के अधिकतम दाम अधिसूचित किए हैं जबकि 15 अन्य दवाओं के दाम में संशोधन किया जा रहा है। यही नहीं 23 आवश्यक दवाओं की खुदरा कीमतों को भी अधिसूचित किया गया है। एनपीपीए समय समय पर दवाओं के अधिकतम दाम तय करती है ताकि लोगों को महंगी दवाओं से छुटकारा मिल सके।
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ये दवाएं शामिल
कोलोन या रेक्टल कैंसर की दवा ओक्सालिप्लेटिन (इंजेक्शन 100 एमजी), जापानी बुखार की दवा और मीजल्स रूबेला वैक्सीन शामिल हैं। मलेरिया की क्लोरोक्वीन, बैक्टीरियल संक्रमण की कोफ्रियॉक्सिन, दर्द की मॉर्फिन, ग्लूकोज इंजेक्शन, दिल की बीमारी की दवा फ्यूरोसेमाइड की कीमतों बदलाव किया गया है। टीबी की रोकथाम की दवा, बीसीजी वैक्सीन सहित फाइटोमेनाडीन (विटामिन के-1) की अधिकतम कीमतों में भी संशोधन किया गया है।
निर्माता कंपनियों पर सख्ती
एनपीपीए ने कहा है कि वे दवाएं जिनकी कीमत मूल्य नियंत्रण के अधीन नहीं है, निर्माता कंपनियां उनकी कीमत में भी सालाना 10 फीसदी तक ही बढ़ोतरी कर सकेंगी। अगर कंपनियां अधिकतम दाम और नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें वसूली गई अतिरिक्त कीमत ब्याज समेत चुकानी पड़ेगी। अभी तक 874 दवाओं के दाम कम हुए
एनपीपीए ने अब 874 दवाओं के दाम कर किए हैं। सितंबर तक 823 दवाओं के दाम एनपीपीए ने निर्धारित किए थे।
क्या है एनपीपीए
वर्ष 1997 में स्थापित राष्ट्रीय दवा मूल्य नियामक (एनपीपीए) ड्रग्स प्राइस कंट्रोल ऑर्डर-2013 (डीपीसीओ) के अधीन अनुसूची-1 के तहत नियंत्रित जरूरी दवाओं और फार्मूलेशन का मूल्य तय और संशोधित करता है। यह देश में बिना नियंत्रण वाली दवाओं के दाम उचित स्तर पर रखने के लिए मूल्य की निगरानी भी करता है।