आगरा। चम्बल के बीहड़ों की शान माना जाने वाला पिनाहट का किला आखिरकार बारिश की भेंट चढ़ गया। सालों से रखरखाव के अभाव में किले की दीवारें और खंभे जर्जर हो चुके थे। इस बार की बारिश में इसके 52 खम्भों में से लगभग पंद्रह खम्भे धराशाही हो गए। जिसके कारण इस अद्भुत किले का एक हिस्सा जमींदोज हो गया।
पिनाहट थाना क्षेत्र के मल्हन टोला में इस किले का निर्माण 400 साल पूर्व मेवाती शासक नरेश हतिया मेवात ने करवाया था। इस अद्भुतबोर प्राचीन महल को संरक्षित स्मारकों में शामिल किया गया था जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी एएसआई की थी लेकिन विभाग ने इसे सहजने की जहम्मत तक नहीं उठाई। जिसके कारण अब यह किला जमींदोज होकर खंडहर में तब्दील हो गया है। लगातार हुई बारिश के कारण इसकी दीवारें और खंभे भरभराकर गिर गए जिससे इसका एक हिस्सा जमीदोज हो गया। प्राचीन समय में मेवाती शासक ने इस किले को 52 खंभों पर इसे बनवाया था। नक्कासी का इस महल में अद्भुत जोड़ दिखाई देता था।
बताया जाता है कि इस किले का मलिकाना हक़ राजा भदावर के पास है। उनके राजखानदान के पास 9 किले थे, जिनमें से पिनाहट का यह किला इस घराने को सबसे प्रिय था। बाह से अधिकतर इन्ही के परिवार के लोगों के पास राजनैतिक कमान रही। पहले राजा अरिदमन सिंह विधायक रहे सपा सरकार में मंत्री रहे और अब उनकी धर्म पत्नी पक्षालिका सिंह भाजपा से विधायक है लेकिन भदावर परिवार भी इसे सहज नहीं सका। फिलहाल पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह भदावर किले का दोबारा जीर्णोद्धार कराने की बात कह रहे हैं।