आगरा। एक पिता की क्रूरुता की कहानी उसकी 16 वर्षीय बेटी की सुसाइड नोट में दिखाई दे रही है जिसे पढ़कर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। एक बेटी ने अपनी मां और अपना दर्द जिस तरह से बयां किया है उसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। मामला एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के यमुनापार स्थित प्रकाश नगर का है।
तीन दिन से घर में गैस नहीं थी, चूल्हा ठंडा पड़ा था। आटा के बर्तन भी खाली पड़े थे। मां और बेटी को खाना नहीं मिला। भूख से बदहाल बेटी अपनी मां का दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकी और फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर डाली। आत्महत्या करने से पहले बेटी ने 3 पेज का सुसाइड नोट भी घर में छोड़ा है। अपने इस सुसाइड नोट में उसने जो बातें लिखी हैं वह झकझोर कर रख देती हैं और यह सवाल भी उठाती हैं कि क्या एक पिता इतना निर्दयी हो सकता है। इस घटना की जानकारी होते ही क्षेत्रीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घर पर फांसी के फंदे पर लटकी 16 वर्षीय नाबालिग के शव को उतारा गया और कानूनी कार्रवाई कर उसके शव को पोस्टमार्टम गृह भेज दिया गया। पुलिस अब पूरे मामले की छानबीन में जुटी है।
थाना एत्माउद्दौला क्षेत्र के यमुना पार स्थित प्रकाश नगर में नेकराम अपने परिवार के साथ रह रहा था। उसके परिवार में दो बेटे, बेटी, उसकी मां थी। शुक्रवार की रात बेटी दुर्गेश ने आत्महत्या कर ली। मौके पर जब पुलिस ने छानबीन की तो तीन पेज का एक सुसाइड नोट मिला।
दुर्गेश ने सुसाइड में लिखा कि पिता प्रतिदिन 1000 से 1500 कमाता है लेकिन सारा रूपया दादी और बुआ को दे दिया जाता है और बचे हुए रुपए से दारू पी ली जाती है लेकिन घर मे बेटी है मां है, उसकी चिंता इस निर्दयी बाप को नहीं हैं। पिछले 3 दिनों से घर में गैस और अन्य ना होने के कारण कुछ नहीं पका। पिता को भूख लगती है तो वह बुआ के घर खाना खा लेते हैं लेकिन घर में कुछ पका है या नहीं इसका जिक्र तक कहीं नहीं होता। मां-बेटी 3 दिन से घर में भूखी बैठी हुई हैं। समाज में बेइज्जत होने के कारण वह किसी और से भी नहीं कह सकती हैं। अब मां का यह दर्द और पिता की क्रूरता देखी नहीं जाती इसीलिए मौत को गले लगा रही हूं।
फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है और उनकी जांच से यह पता चला है कि नेकराम की आर्थिक स्थिति अच्छी थी लेकिन वह मां बेटी के साथ इतनी क्रूरता क्यों करता था यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।