आगरा। पिछले दिनों प्रदेश के कई बाल संरक्षण गृहों में बड़े स्तर पर अनियमितताएं पाई गयी थी और उन पर कार्यवाही को भी अंजाम दिया गया। लगातार बाल संरक्षण गृह पर हो रही कार्यवाही के चलते आगरा में भी बाल संरक्षण गृह के सोशल ऑडिट की मांग उठने लगी है। आगरा के आरटीआई कार्यकर्त्ता नरेश पारस ने भी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली, जिलाधिकारी आगरा और जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है साथ ही ऑनलाइन भी शिकायत की गयी है।
आरटीआई कार्यकर्त्ता नरेश पारस ने बताया कि शहर में भी कई बाल संरक्षण गृह संचालित हैं। वर्ष 2016 में उ०प्र० राज्य बाल अधिकार संरक्षण अधिकार आयोग के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर एक जाँच कमेटी गठित की गयी थी। जाँच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी महोदय को सौंपी थी जिसमे 11 बाल संरक्षण गृह ऐसे पाए गए थे जो किशोर न्याय अधिनियम में पंजीकृत नहीं थे। टीम ने सभी गैर पंजीकृत बाल गृहों के पंजीकरण का अनुरोध किया था, साथ ही 15 बिन्दुओं पर सुधार की सिफ़ारिशें भी की गयी थीं लेकिन उन पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। प्रदेश के कई जिलों के बाल संरक्षण गृहों में हो रही अनियमिताओं को देखते हुए आगरा के सभी बाल संरक्षण गृहों का सोशल ऑडिट होना जरुरी है।
आरटीआई कार्यकर्त्ता नरेश पारस ने मांग की है कि जो सोशल टीम गठित की जाए उसमें मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, वरिष्ठ पत्रकार, वरिष्ठ चिकित्सक को शामिल किया जाये जिससे सोशल ऑडिट सही हो सके और उस रिपोर्ट के आधार पर बाल गृहों में सुधार किये जा सके।