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सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे बन रहा है मौत का एक्सप्रेस-वे

by admin

आगरा को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाला 302 किमी0 लम्बा एक्सप्रेसवे जानलेवा सिद्ध हो रहा है। इस एक्सप्रेस-वे ने भले ही आगरा से लखनऊ तक की दूरी को बहुत कम कर दिया है लेकिन अब यही एक्सप्रेस-वे लोगों की जिंदगी को भी कम कर रहा है। पिछले 6 महीनो के आंकड़े कुछ यही कहानी कह रहे है।

एक अगस्त 2017 से 15 फरवरी तक आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 688 हादसे हुए, जिनमें 90 लोगों की मृत्यु हो गयी। यदि हम दिनों का औसत निकाले तो हर दो दिन में एक व्यक्ति काल के गाल में समा गया है। आवागमन को सुगम कहा जाने वाला एक्सप्रेसवे इतना खतरनाक है, शायद लोगों को इसका अंदाज नहीं है।

आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता केसी जैन को अभी हाल में उ0प्र0 एक्सपे्रसवेज इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथाॅरिटी (यूपीडा) द्वार यह सूचना उपलब्ध कराई है। आरटीआई के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरेजवे को हल्के वाहनों के आवागमन हेतु दि0 23.12.2016 को खोला गया था और टोल दि0 19.1.2018 की मध्यरात्रि से लगाया गया।

एडीएफ सचिव केसी जैन ने का कहना है कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे से भी अधिक खतरनाक सिद्ध हुआ है, जिसमें दुर्घटनाओं और मरने वालों की संख्या यमुना एक्सप्रेसवे से अधिक है,जो आंकड़े भी कहते है। यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटनाओं और मृत्यु के आंकड़ों से स्पष्ट है।

2012 में 294 हादसे हुए जिनमे 33 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
2013 में 898 हादसे हुए जिनमे 118 लोगों की जान चली गयी।
2014 में 772 दुर्घटनाएं हुई जिनमे 127 लोगों के मौत हो गयी।
2015 में यह आंकड़ा और बड़ा हुआ जिसमें 919 हादसे हुए और 142 लोग काल के गाल में समा गए।
2016 में हादसों में इजाफा हुआ। 1193 हादसो में 128 लोगों की जान चली गयी।
2017 के जून तक 763 हादसे हुए और 73 लोगों ने अपनी जान गवाई।

एडीएफ सचिव का कहना है कि तेज रफ़्तार हादसों का कारण बन रही है। तेज रफ़्तार को रोकने के लिए इस एक्सप्रेसवे पर एडवान्स्ड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम के अन्तर्गत वाहनों द्वारा गति सीमा के उल्लंघन को रोकने के लिये आटोमेटिक नम्बर प्लेट रीडर कैमरे व गति रिकार्डिंग हेतु कैमरे लगाये जाने की कार्यवाही यूपीडा द्वारा अभी तक नहीं की गई है।

इस एक्सप्रेसवे पर 140-150 किमी0 प्रति घण्टे की गति से लोग अपने वाहन बेलगाम चलाते हैं, जो अनियंत्रित होकर हादसों का सबब बनते हैं। टायरों के फटने से भी हादसे इस एक्सप्रेसवे पर हुए हैं।

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