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ऐतिहासिक जनकपुरी आयोजन बना विवाद का आयोजन, किसी बड़े खेल की ओर इशारा

by pawan sharma

आगरा। उत्तर मध्य भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन जनकपुरी इस समय विवादों में चल रही है लेकिन इसके साथ-साथ जनक महल भी विवादों से घिर गया है। हालांकि यह घिरा तो चारदीवारी और पेड़-पौधों से भी था लेकिन पेड़-पौधों को वन विभाग या किसी अन्य को सूचित किये बिना ही काट दिया गया है।

गौरतलब है कि शुरुआत से ही जब से जनकमहल का चयन हुआ है तभी यह स्थान विवादों में घिरा हुआ था। जनकपुरी के लिए आखिर इस चारदीवारी का चयन करते हुए आशीष गार्डन को ही क्यों चुना। इस गार्डन में बमुश्किल 2000 लोगों के ही आने की संभावना होती है। ऐसे में जनक महल पर लाखों लोग कैसे पहुँचेगे। अगर जायेगे भी तो क्या स्थित होगी, यह सोचकर लोगों के रोंगटे खड़े होने लगे है। आशीष पैलेस में जगह बनाने के लिए आयोजन समिति ने हरियाली को ही उजाड़ दिया। एक तरफ सूबे के मुखिया पौधे लगाने पर जोर दे रहे है तो दूसरी ओर समिति ने हरे पेड़ की बलि भगवान राम के आयोजन के नाम पर दे डाली।

इस आयोजन को लेकर महापौर नवीन जैन जैसे ही जनक महल की स्थितियों का जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे तो अंदर प्रवेश करते ही पूर्व पूरा प्रशासनिक अमला हैरान रह गया। चारों ओर सैकड़ों की संख्या में हरे पेड़ पौधे टूटे पड़े हुए थे। छंटाई के नाम पर पौधों को जिस तरह से जमींदोज किया गया है वह हर किसी की आंखों में चुभ रहा था। लेकिन मेयर हो या प्रशासनिक अमला स्थिति को संभालने के लिए सभी इस बात की सफाई ही देते रहे।

इन दिनों नगर निगम शहर में हरियाली के नाम पर करोड़ों रुपए के ठेके उठा रहा है लेकिन जब मेर नवीन जैन से पूछा गया कि आखिर जनक महल के आसपास सैकड़ों पेड़ क्यों काट दिए गए तो वे इसके सवाल पर जवाब के नाम पर केवल सफाई ही देते रहे। उन्होंने कहा कि यह पेड़ों को काटा नहीं गया है बल्कि छटाई की गई है।

जनक महल पर प्रवेश के लिए क्या व्यवस्था होगी और जिस दीवार को लेकर पिछले कई दिनों से सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इसे तोड़ा जाएगा या दीवार तोड़ने के लिए ही जनक महल के लिए इस स्थान चयन किया गया। अब इस सवाल का जवाब भी धीरे-धीरे मिलना शुरू हो गया है।

मेयर नवीन जैन का कहना है कि प्रवेशद्वार को बड़ा करना पड़ेगा और इसके लिए दीवार को तोड़ना भी पड़ेगा। क्षेत्र विधायक शुरू से ही जाने की बात पर अपनी सफाई देते रहे लेकिन स्थानीय आयोजन से जुड़े पदाधिकारी समीर चतुर्वेदी का कहना है कि विधायक ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यह दीवार गिराई जाएगी और प्रवेश द्वार चौड़ा किया जाएगा। पिछले कई दिनों से लेकर हर सवाल के जवाब मिल रहे हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे कहानी घूम फिर कर वहीं आ रही है। जिसको लेकर शुरू से ही सवाल खड़े हो रहे थे और अब यही लग रहा है कि आखिरकार इस पूरे आयोजन को लेकर अब वही हो रहा है जिसका अंदाजा शुरू से ही क्षेत्रीय लोग कर रहे थे और किसी बड़े खेल की तरफ इशारा कर रहे थे।

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