आगरा (19 May 2022 Agra News)। अगर आपका वाहन 15 साल पुराना है तो इसे जब्त कर लिया जाएगा। आगरा में ऐसे 60 हजार वाहनों को जब्त करने की कवायद शुरू। मथुरा और फिरोजाबाद में भी नहीं मिलेगी एनओसी। इस सीरीज के वाहन प्रतिबंधित।
कोर्ट से आदेश लेकर करेंगे नष्ट
अगर आपका वाहन 15 साल पुराना है तो जरा संभल जाएं। क्योंकि अब आगरा के साथ मथुरा, फिरोजाबाद में 15 साल पुराने वाहनों को एनओसी जारी नही की जाएगी और इनका पुन: पंजीकरण भी नहीं होगा। यह निर्देश आगरा मंडलायुक्त अमित गुप्ता की ओर से जारी किये गए हैं। 15 साल पुराने 60 हजार वाहनों को जब्त करने की क़वायद शुरू की गई है। पुलिस, प्रशासन और आरटीओ संयुक्त कार्रवाई करके इन वाहनों पर शिकंजा कसेंगे। उन्हें जब्त कर कोर्ट से आदेश लेकर नष्ट किया जाएगा।
ताज ट्रिपिजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण के अध्यक्ष कमिश्नर अमित गुप्ता ने डीजल, पेट्रोल के 15 साल पुराने वाहनों पर सख्ती के निर्देश दिए हैं। बुधवार से आरटीओ ने ऐसे वाहनों के लिए एनओसी व री-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बंद कर दिया है। ऐसे वाहन दूसरे 33 जिलों में संचालन की बात कह आगरा से एनओसी लेते थे। परंतु वाहन आगरा में ही चलाए जा रहे थे। अब ऐसे वाहनों के लिए एनओसी जारी नहीं होगी।
धरपकड़ के लिए चलाया जाएगा अभियान
कमिश्नर अमित गुप्ता ने बताया कि एसपी ट्रैफिक, प्रशासन व आरटीओ की टीम ऐसे वाहनों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाएगी। 2000 से अधिक ऐसे वाहन पुलिस ने जब्त किए हैं। अन्य वाहनों को जब्त करने के लिए स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों का सहयोग लिया जा रहा है। सिकंदरा में ऐसे वाहनों को रखने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। जिसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। बजट मिलते ही चारदीवारी बनाकर जब्त वाहनों को वहां रखा जाएगा।
चार हजार वाहनों को मिली एनओसी
जिले में 10 अप्रैल को 15 साल पूरी कर चुके 60 हजार वाहन कबाड़ घोषित हो चुके हैं। इनके पंजीयन निरस्त किए जा रहे हैं। एआरटीओ प्रशासन एके सिंह ने बताया कि निलंबन अवधि में करीब 4000 वाहन स्वामी एनओसी लेकर गए हैं। अब भी करीब 25 आवेदन लंबित है। ऐसे में केवल उन गाड़ियों को ही एनओसी जारी की जाएगी, जिनकी फीस पहले ही जमा हो चुकी है।
10 साल में 1.50 लाख वाहन हुए कबाड़
जिले में नए कबाड़ घोषित हो चुके 60 हजार वाहनों में 40 हजार दोपहिया हैं। 10 हजार से अधिक चार पहिया और करीब 10 हजार तीन पहिया वाहन हैं।
इस सीरीज के वाहन प्रतिबंधित
यूपी 80 एआर सीरीज तक के वाहन प्रतिबंधित हैं। जिले में 2012 से अब तक 1.50 लाख वाहन कबाड़ घोषित किए जा चुके हैं। परंतु आरटीओ की लापरवाही से सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इनमें डीजल टेंपों से लेकर जुगाड़ व अन्य वाहन शामिल हैं।