लखनऊ। प्रदेश में बढ़ते वायरल फीवर के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्यकर्मी अब घर-घर जाकर लोगों के लक्षणों की जांच करेंगे और पता करेंगे कि बुखार तो नहीं। प्रदेशव्यापी ये सर्विलांस अभियान 7 से 16 सितंबर तक चलेगा। इसके साथ ही सरकार ने अब कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बड़ा कदम उठाया है। वैक्सीन की डोज न लेने वाले 45 साल से अधिक आयु के लोगों की सूची बनाई जाएगी और उनका वैक्सीनेशन किया जाएगा। सूबे में चलने वाले सर्विलांस अभियान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
पिछले एक हफ्ते में ही यूपी के दो जिलों मथुरा और फिरोजोबाद में 50 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो गयी है। ये सरकारी आंकड़ा है। बच्चों को पहले तेज बुखार हुआ फिर पेट में दर्द और दो से तीन दिनों में ही मौत होने लगी। अब सरकारी अमले ने दोनों जिलों में डेरा डाल दिया है। उम्मीद है हालात जल्द ठीक हो जायेंगे लेकिन, इन दोनों जिलों में हो रही बच्चों की बीमारी क्या कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक है? ये सवाल हर किसी की जुबान पर तैर रहा है। बहुत से लोगों ने इसे कोरोना की संभावित तीसरी लहर से जोड़ दिया है।
बच्चों को हो रहे बुखार को रहस्यमयी बताया जा रहा है लेकिन, सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। बच्चों की बिगड़ती तबीयत और हो रही मौतों के पीछे कोई और जिम्मेदार है। गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में वायरल के साथ ही मलेरिया और डेंगू का भी प्रकोप है। डेंगू और मलेरिया के चलते कई बच्चों की भी मौत हो चुकी है। इसके साथ ही सरकार ने अब बीमारियों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।