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आग लगने की घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं जान-माल से बचाव हेतु आयोजित हुई कार्यशाला

by pawan sharma

Agra. आगरा में गर्मी से लोग बेहाल हैं, गर्मी के साथ-साथ आग की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। बढ़ती आग की घटनाएं जहां दमकल विभाग के लिए मुसीबत का सबब बन रही हैं, तो वहीं पुलिस-प्रशासन के लिए चिंताजनक हैं। अगर जिला अस्पताल एवं किसी अन्य अस्पताल में आग लग जाए तो आग के दौरान किस तरह खुद बचा जा सकता है और दूसरों को कैसे बचाया जा सकता है, इस पर उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग आगरा कार्यालय द्वारा जिला अस्पताल में एक कार्यशाला आयोजित की गई। दमकल विभाग की कार्यशाला में जिला अस्पताल के कर्मचारी एवं चिकित्सकों को बताया गया कि आग लगने की स्थिति में किस तरह बचाव किया जा सकता है। इस कार्यशाला में जिला अस्पताल के सभी विभागों के चिकित्सा एवं कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग से आए सेकंड अफसर ईदगाह ने बताया कि आग लगने की स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है, बस संयम एवं धैर्य के साथ यह देखें कि आसपास अपाहिज, बूढ़े एवं बच्चे तो नहीं हैं। आपको वह दिखाई दे तो सबसे पहले उन्हें बाहर करें। अगर आसपास अग्निशमक यंत्र से आग बुझाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पहले खुद बचें बाद में दूसरों को बचाने का प्रयास करें। अग्निशमन अधिकारी ने इस दौरान चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को गैस सिलेंडर में आग जलाकर और उसे किस तरह बुझाया जाता है, इसका डेमो भी दिखाया। अग्निशमन विभाग के डेमो का हिस्सा एसआईसी डॉ. राजेंद्र अरोरा भी रहे।

अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि इस समय फायर सीजन चल रहा है, इसलिए आवश्यकता है कि अपने घर, प्रतिष्ठान, हॉस्पीटल, फैक्ट्री या अन्य कार्यदायी स्थलों पर एसी को 22 से 24 के मध्य रखें, इलेक्ट्रिक कटी-फटी वायर हैं उन्हें सही करवा लें। अगर संभव हो तो इलेक्ट्रिक ऑडिट करा लें। उन्होंने जिला अस्पताल या किसी भी अस्पताल को लेकर कहा कि अस्पताल के स्टॉफ को पता होना चाहिए कि कितने मरीज उनके यहाँ मौजूद हैं, कितने फायर एग्जिट हैं। इसकी पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। एक टीम जहाँ मरीजों को निकालने में जुटेगी तो वहीं दूसरी टीम आग बुझाने में जुटेगी।

जिला अस्पताल में दमकल विभाग द्वारा कर्मचारियों एवं चिकत्सकों को दी गई ट्रेनिंग को लेकर एसआईसी डॉ. राजेंद्र अरोरा ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि गर्मी बहुत अधिक है, आग की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इसी को लेकर प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं का दिशा निर्देश था कि कर्मचारियों को अग्निशमन विभाग द्वारा ट्रेनिंग दी जाए एवं ऑडिट किया जाए। उन्हीं के दिशा निर्देशों के बाद यहाँ पर ट्रेनिंग का प्रोग्राम रखा। यहाँ दमकल विभाग ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं, जो भविष्य में काम आएँगी। उन्होंने कहा कि ऐसी छोटी छोटी बातें बताई हैं जिनसे बड़ी आग की घटनाओं को रोका जा सकता है।

एसआईसी डॉ.राजेंद्र अरोरा ने बताया कि अगर आग की घटना होती है तो सबसे पहले खुद को बचाया जाए, अगर कोई पूर्ण रूप से स्वस्थ है तो कम से कम एक व्यक्ति को तो बचा ही सकता है। उन्होंने कहा कि पहले ही जिला अस्पताल का फायर सिस्टम ठप है, जिसको लेकर कार्य किया जा रहा है। अगर कोई छोटी आग लगती है तो उसके लिए अग्निशमन यंत्र हैं। उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार काम कर रहा है उसने स्प्रिंकलर लगाने के नाम पर जिला अस्पताल के पूरे फायर सिस्टम को ही ख़त्म कर दिया, उसने सभी पाईपों को काटकर अलग कर दिया है। जिसको लेकर ठेकेदार को नोटिस दिया गया है इसके साथ ही अतिरिक्त निदेशक को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।

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