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थाने में खुद को आग लगाने वाली महिला की हुई मौत, 4 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़

by admin
The main accused of rape died in a road accident, in the past, the victim had set herself on fire in the police station

Mathura. शनिवार को थाने में आयोजित समाधान दिवस में खुद को आग लगाने वाली महिला की मौत हो गयी। महिला का इलाज आगरा के अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। इस मामले में मृतका के पति ने प्रधान के पिता सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

शनिवार की है घटना

यह पूरा मामला शनिवार का है। शनिवार को राया थाने में समाधान दिवस लगा हुआ था। तभी अचानक से एक महिला ने अपने आप को आग के के हवाले कर दिया। आग की लपटों में महिला को देख थाने में हड़कंप मच गया। महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से आगरा रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

छेड़छाड़ के आरोपी बना रहे थे दबाव

मृतका के पति ने बताया कि 11 जुलाई 2017 को गांव के हरिचंद ने उसकी पत्नी से छेड़छाड़ की थी, इसकी रिपोर्ट थाना राया में दर्ज कराई थी। आरोपी अन्य लोगों के साथ मिलकर मुकदमा वापस लेने को दबाव बना रहे थे। एक जनवरी को गांव में पंचायत हुई। इसमें प्रधान के पिता सुरेश, वीरेंद्र, रिंकू और हरिचंद ने मुकदमा वापस न लेने पर देख लेने की धमकी दी थी। पुलिस ने प्रधान के पिता सुरेश को गिरफ्तार कर लिया है।

न्याय न मिलने पर पीड़िता ने उठाया यह कदम

बताया जाता है कि पीड़िता पर दबंग परिवार लगातार मुकदमा वापसी के लिए दबाव बना रहा था जबकि मृतका न्याय चाहती थी लेकिन कानूनी प्रक्रिया में आ रही शिथिलता और आरोपी के आगे नतमस्तक हुई पुलिस के चलते पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा था। न्याय न मिलने से परेशान महिला ने अपने आपको आग के हवाले कर दिया। उपचार के दौरान मौत हो गई। महिला के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।

सिस्टम पर उठे सवाल

इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है तो वहीं अब पुलिस व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जिस पीड़िता को न्याय दिलाने की कुछ जिम्मेदारी पुलिस की थी उस जिम्मेदारी को मृतका पिछले 3 सालों से खुद निभा रही थी।

पंचायत में शामिल पंच हुए भूमिगत

पिछले दिनों हुई पंचायत में शामिल लोग अब भूमिगत हो गए हैं। पंचायत में 50 लोगों ने भाग लिया था। यहां एक स्वर में महिला व पति पर मुकदमा वापस लेने को दबाव बनाया गया। महिला ने मना कर दिया, इस पर हरिचंद एवं अन्य ने धमकी दी थी कि अब तुम्हारे खिलाफ हर रोज मुकदमे दर्ज होंगे, इससे महिला टूट गई और आग लगाने जैसा बड़ा कदम उठा लिया।

महिला का चार बीघा से अधिक खेत मुकदमे में बिक चुका है, लेकिन उसने हार नहीं मानी थी। न्याय की आशा टूटती देख महिला ने आत्मघाती कदम उठा लिया। अब पुलिस के भय से पंचायत में शामिल लोग भूमिगत हो गए हैं। पुलिस पंचायत में शामिल लोगों की तलाश में है।

मृतका के इस आत्मघाती कदम उठाने के बाद अब क्षेत्रीय पुलिस अपनी जान बचाने के लिए आरोपियों के खिलाफ ताबड़तोड़ दबिशें देकर कार्रवाई करने में जुट गई है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब सभी को मालूम था कि महिला पीड़ित है और आरोपी दबंग है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है, इसके बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। पीड़िता को इस सिस्टम के आगे झुक कर अपनी जान देनी पड़ी।

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