आगरा। आगरा जनपद मे हिंदी के कवियों एवं साहित्यकारों मे शलभ भारती एक यशस्वी नाम है। सामाजिक संस्था लीडर्स आगरा ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम ‘चले, शहर को समर्पित, बुजुर्ग विभूतियों के घर, उनका अभिनन्दन एवं चरण वंदना करने’ कठघर, लोहामंडी निवासी 82 वर्षीय शलभ भारती ने हिन्दी, उर्दू तथा व्रजभाषा में अपनी कविताओं से श्रोताओं को दिल जीता है। लोक नाट्य शैली भगत में संवाद-लेखन का कार्य किया है। सन् 1962 में 509 आर्मीबेस वर्कशाप में सन् 1966 तक सेवाएँ दीं । उसके बाद सन् 1963 से लेकर 1966 तक राजस्थान पॉलिटेक्निक, अलवर और कोटा में सेवाएँ दीं। सन् 1966 से 2018 तक कामर्शियल डिजाइनिंग का कार्य किया। 1960 से ही रंगकर्म और कविता लेखन में रुचि होने के कारण भारतीय जननाट्य संघ, ब्रजकला केन्द्र, नाट्यकला निकेतन, नवरंग कला केन्द्र, ताज नगर आर्ट्स आदि से जुड़ कर रंगकर्मी की भूमिका में रहे। आकाशवाणी मथुरा और आगरा पर काव्य पाठ करते रहे। समाचार पत्रों में विभिन्न विषयों पर आलेख लिखे। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, भारत भूषण, ब्रजेन्द्र अवस्थी, गोपालदास नीरज, ओमप्रकाश आदित्य, डा..घनश्याम अस्थाना, सोम ठाकुर, थानसिंह शर्मा सुभाषी, निखिल संन्यासी, प्रताप दीक्षित, चै.सुखरामसिंह, रामेन्द्र त्रिपाठी आदि के सानिध्य में काव्यपाठ किया। एक काव्य संकलन का प्रकाशनाधीन है।
आज संपन्न एक कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि हिंदी के प्रसिद्ध कवि रामेन्द्र शर्मा रवि ने लीडर्स आगरा की ओर से शलभ भारती को शाल ओढ़ाया, इलायची की माला डॉ अशोक कुशवाह, एस. के बग्गा, अभिनन्दन पत्र रवि गिड़वानी, सोनू प्रजापति, राजू सविता ने भेंट किया, लीडर्स आगरा के महामंत्री सुनील जैन, राहुल जैन, पूजा शर्मा ने संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया,
इस अवसर पर रामेन्द्र शर्मा ने शलभ भारती को समर्पित रचना प्रस्तुत की, पाए बहुत खजाने मैंने, असली अब तक मिला नहीं ढूंढ़ रहा हूँ प्रतिपल उसको, किसी से कोई गिला नहीं, इस अवसर पर उनकी विटिया आई जी. कार्यालय मे स्टेनो निशा भारती और पुत्र राजीव भारती को भी पिता की उपलब्धि पर सम्मानित किया, इस अवसर पर पूर्व पार्षद सुनील जैन, संयोजक आदर्श नंदन गुप्त, रामेन्द्र शर्मा रवि, पूजा शर्मा, डॉ अशोक कुशवाह, एस. के बग्गा, रवि गिड़वानी, राहुल जैन, सोनू प्रजापति, निशांत जैन, सुरेश जैन, राजू सविता आदि उपस्थित थे