आगरा।पिछले 7 महीने से अधिकारियों की जांच में फुटबॉल बनी एक पीड़िता ने जिले के पुलिस कप्तान अमित पाठक के कार्यालय पर बेटा और मां, यानी परिवार के सभी सदस्यों सहित सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दे डाली है।
दरअसल मामला 7 महीने पुराना है । 7 महीने से आरोपी सिपाही जितेंद्र के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग पर अड़ी इस पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाया है। आरोप है कि आरोपी सिपाही जितेंद्र को बचाने के लिए आगरा पुलिस का पूरा अमला मशक्कत कर रहा है।
अब आपको पूरा घटनाक्रम बताते हैं। कैमरे के सामने दिखने वाली पीड़िता का नाम पूनम शर्मा है । पूनम शर्मा के मोबाइल की एक चिप गायब हो जाती है। जिसमें पूनम शर्मा और उसके पति की कुछ फोटो मौजूद होते हैं ।
इस चिप की शिकायत और बरामदगी के लिए पीड़िता पुलिस अधिकारियों को शिकायत की जाती है। तो जितेंद्र नाम के एक सिपाही को वर्क आउट के लिए लगा दिया जाता है। चिप बरामद हो जाती है और आरोपी जेल चला जाता है।
मगर चिप बरामद करने वाला आरोपी सिपाही जितेंद्र चिप को अपने पास रख लेता है। फोटो के माध्यम से पीड़िता पूनम शर्मा को सिपाही द्वारा ब्लैकमेल किया जाता है और महीनों तक पीड़िता के साथ शारीरिक शोषण भी किया जाता है ।
इधर पीड़ित आपने साथ हुए अन्याय और आरोपी सिपाही जितेंद्र के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर जिले भर के अधिकारियों के चक्कर काटती है तो वहीं सिपाही जितेंद्र द्वारा लगातार पीड़िता और उसके परिवारी जनों पर तीन मुकदमे अलग-अलग थाने में दर्ज कराये जाते है।
बड़ा सवाल यह है कि जो मुकदमे दर्ज हुए हैं । उनमें पुलिस ने बिना जांच के पीड़िता और उसके परिवार के लोगों को आरोपी बना दिया। और इस मुकदमों में पीड़िता के मृतक पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर दिया जो आज इस दुनिया में नहीं है।
अभी तक आगरा पुलिस ने आरोपी सिपाही जितेंद्र के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है जिस सिपाही ने पीड़िता की व्यक्तिगत वीडियो को वायरल कर दिया आगरा पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट पीड़िता अब जिले के पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट काट कर दुखी हो गई है और जान का खतरा बताते हुए पिता ने गुरुवार को आगरा के एसपी प्रोटोकॉल से मुलाकात की।
इसके बाद आगरा जिले के पुलिस कप्तान के कार्यालय पर सामूहिक आत्महत्या की परिवार की सामूहिक सदस्यों की आत्महत्या की चेतावनी देते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेल और ट्वीट कर दिया।
पीड़िता को न्याय और आरोपी सिपाही जितेंद्र के खिलाफ कार्यवाही का दावा करने वाले आगरा जिले के एसपी प्रोटोकोल एमपी सिंह कैमरे के सामने विवाह की से निष्पक्ष कार्यवाही का आश्वासन तो देते हैं मगर पिछले 7 महीने से पुलिस की जांच में फुटबॉल बनी पीड़िता को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है।
आरोप यह है कि आरोपी सिपाही के खिलाफ इसलिए कार्यवाही नहीं हो रही है कि उसी विभाग में तैनात है जिस विभाग के अधिकारियों से उसे न्याय की उम्मीद है। ऐसे में आगरा जिले के पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
जिले के पुलिस कप्तान के कार्यालय पर परिवार के सदस्यों द्वारा सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी का मेल और ट्वीट करने के बाद जिले के पुलिस अधिकारियों में हड़कंप तो जरूर है ।
मगर सवाल इस बात का है कि पिछले 7 महीनों से थानों और अधिकारियों के चक्कर काट रही पीड़िता को अभी तक न्याय नहीं मिला तो फिर क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह के ट्वीट के बाद आगरा पुलिस नइस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी सिपाही को जेल भेजेगी या नहीं।