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VSICON 2022 : वैस्कुलर सर्जरी से मिले बेहतर नतीजे, युद्ध में घायल 33 कारगिल सैनिकों के बचाए पैर

by admin

Agra. ताजनगरी में आयोजित द वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की सेमिनार ‘VSICON 2022’ में देश विदेश के जाने माने सर्जन शामिल हो रहे हैं जो वैस्कुलर सर्जरी की उपयोगिता और उसकी नई नई तकनीक पर अपने अपने व्याख्यान दे रहे हैं, साथ ही शोध पत्र भी प्रस्तुत कर रहे है। इसी ‘विसीकोन-2022’ सेमिनार में सेना से रिटायर्ड कर्नल डॉ. कुमुद राय भी शामिल हुए जिन्होंने वैस्कुलर सर्जरी और उसके नतीजों पर अपना व्याख्यान दिया और अनुभव भी साझा किया। उनका इस सर्जरी को लेकर जो अनुभव था वो कारगिल युद्ध का था।

33 कारगिल योद्धाओं के पैर बचाये

सेना से रिटायर्ड कर्नल डॉ. कुमुद राय ने बताया कि कारगिल युद्ध में देश के सैकडों वीर समूतों ने देश की रक्षा के लिए शहादतें दीं तो हजारों वीर सपूत गंभीर रूप से घायल भी हुए। मैं और मेरी टीम इन घायल जवानों को बेहतर इलाज देने में जुटी हुई थी। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके सामने ऐसे घायल जवान भी आये जिनके पैरों की धमनियां कट गई थी। श्रीनगर बेस पर लगभग 34 ऐसे वीर जवानों की वैस्कुलर सर्जरी की गयी। वैस्कुलर सर्जरी से 33 जवानों के पैर कटने से बचा लिए गए सिर्फ एक जवान की वैस्कुलर सर्जरी में देरी हुई थी जिसके कारण उस जवान की जान बचाने के लिए पैर काटना पडा था।

वैस्कुलर सर्जरी के बेहतर नतीजे

सेना से रिटायर्ड कर्नल डॉ. कुमुद राय ने अपने व्याख्यान में बताया कि सही समय पर वैस्कुलर सर्जरी की जाए तो उसके बेहतर नतीजे आते हैं। पैर में अटैक के बाद के छह घंटे बेहद अहम होते हैं। सही समय पर मरीज पहुंच जाए तो उसकी हादसों में कटी रक्त शिराओं को जोड़ा जा सकता है।

डायबिटिक मरीजों को सबसे ज्यादा खतरा

वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य चेन्नई के डॉ. शेखर ने बताया कि, डायबिटीज से पीड़ित हैं तो उसे सामान्य लोगों के मुकाबले वैस्कुलर बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन के अध्यक्ष प्रो. अभिजात सेठ ने बताया कि, 1994 की बात करें तो देश में 13 वैस्कुलर सर्जन थे। आज द वैस्कुलर सोसायटी से 750 वैस्कुलर सर्जन जुड चुके हैं। अब देश के वैस्कुलर सर्जन विश्वस्तर पर पहचान बना रहे हैं।

एम्स में भी नहीं वैस्कुलर सर्जरी

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‘विसीकोन-2022’ के आयोजन सचिव डॉ. तपिश साहू बताते हैं कि, राजधानी दिल्ली के एम्स में भी वैस्कुलर सर्जरी की सुविधा नहीं है। देश की बात करें तो आबादी के मुताबिक 2 से 3 लाख वैस्कुलर सर्जन चाहिए मगर, सिर्फ 750 सर्जन ही देश में हैं। हमारी सोसायटी की कोशिश से पीजीआई चंडीगढ़ में इसका कोर्स और सरकारी अस्पतालों में वैस्कुलर सर्जरी विभाग शुरू कराने की है।

चिकित्सकों ने 60 शोध पत्र किए पेश

द वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की 39 वें ‘विसीकोन-2022’ फतेहाबाद रोड स्थित होटल द कन्वेंशन में चल रही है। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने वैरिकोज वेन्स, डायलिसिस के मरीजों के लिए बनाया जाने वाले एवी फिस्टुला, एरोटिक एनेयुरिज्म, डीप वेन थ्रोमबोसिस, डायबिटिक फुट अल्सर जैसे विषयों पर व्याख्यान दिया, साथ ही चिकित्सकों ने लगभग 60 शोध पत्र पेश किये।

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