मथुरा। पूरे प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रदेश मुखिया योगी आदित्यनाथ ने विशेष अभियान चला रखा है। मथुरा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेखा रानी इस अभियान को पूरी तरह से सार्थक बनाना चाहती है लेकिन स्टाफ की कमी इस अभियान को पलीता लग रहा है। कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए उसमें अहम जिम्मेदारी आंगनबाडी कार्यकत्रियों को सौंपी गई है जिससे वह हर गांव और हर शहर में गर्भवती महिलाओं और कुपोषित परिवारों से संपर्क साधे जिन्हें भरपूर भोजन नहीं मिल पाता है।
लेकिन मथुरा जिले में करीब 2300 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की संख्या है और उसमें से 300 पद खाली पड़े हुए हैं। 406 सहायिका और 51 सुपरवाइजर के पद रिक्त पड़े हुए है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन मौजूदा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से अन्य कार्यो को भी अंजाम दिलवा रहा है जिससे आगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ कुपोषित परिवार को ढूंढने के लिए चल रहा अभियान को पूरा नहीं कर पा रही हैं।
मथुरा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेखा रानी ने कई आंगनबाड़ी कार्यालय का निरीक्षण किया तो वहां कई खामियां भी मिली। जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का यह कर्तव्य है कि वह गर्भवती महिलाओं से संपर्क करें और उनके समय पर टीके लगवाए साथ ही उन्हें पुष्टाहार भी उपलब्ध कराएं जिससे उनका बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो लेकिन स्टाफ की कमी के कारण उनके इस प्रयास पर पलीता लगा दिया है। फिलहाल जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिला प्रशासन और सरकार को इस समस्या से भी अवगत करा दिया है।
रिपोर्ट – जीवन दीप कल्याण