आगरा। बुधवार को आगरा कैंट रेलवे संस्थान पर नॉर्थ सेंटर रेलवे मेंस यूनियन का केंद्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। अधिवेशन में एनसीआरएमयू के केंद्रीय अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा, महामंत्री आरडी यादव सहित कई नेता मौजूद थे। अधिवेशन शुरू होते ही अचानक से आगरा मंडल, झांसी मंडल और इलाहाबाद मंडल के एनसीआरएमयू के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते नारेबाजी जिंदाबाद और मुर्दाबाद में बदल गयी। नारेबाजी तेज हुई तो आपसी खींचतान शुरू हो गई। मानो ऐसा लग रहा था कि एनसीआरएमयू के तीनों मंडल के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई हो। कुछ ही देर में एनसीआरएमयू की यह खींचतान और विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मीडिया की सुर्खियां बन गया।
केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में जमकर हुआ हंगामा खींचतान व मारपीट में तब्दील हो गया। विवाद को बढ़ता देख अन्य लोगों ने इस मामले को शांत कराने के लिए बीच बचाव किया।
जब हंगामा शांत हुआ तो उसके एनसीआरएमयू का केंद्रीय अधिवेशन शुरू हो पाया। केंद्रीय अधिवेशन में जहां संगठन के चुनाव हुए वही कई प्रस्ताव भी रखे गए, निजी करण, न्यू पेंशन स्कीम को लेकर यूनियन नेता सरकार पर हमलावर नजर आए। केंद्रीय केंद्रीय अध्यक्ष शिवपाल मिश्रा और केंद्रीय महामंत्री आरडी यादव ने रेल का चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी है।
भले ही हंगामे के बीच एनसीआरएमयू का केंद्रीय अधिवेशन संपन्न हो गया हो और कई प्रस्ताव पारित हुए हो लेकिन इस अधिवेशन में हुए हंगामे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिनका जवाब देना एनसीआर एएमयू के पदाधिकारियों के लिए मुश्किल होता चला जा रहा है।