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Unnao Rape Case: पीड़िता एक्सीडेंट मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बरी

by admin
Unnao Rape Case: BJP MLA Kuldeep Singh Sengar acquitted in victim accident case

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को उन्नाव रेप पीड़िता के 2019 दुर्घटना मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक ( BJP MLA) कुलदीप सिंह सेंगर ( Kuldeep Singh Sengar) को आरोप मुक्त कर दिया है।कोर्ट ( Court) का कहना है कि वर्तमान मामले में सेंगर के खिलाफ कोई आरोप नहीं बनता है।वहीं एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने कुलदीप सिंह सेंगर और 5 अन्य आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि इन आरोपियों में सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह और अवध सिंह के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सबूत ही नहीं है। हालांकि कोर्ट ने 4 आरोपियों आशीष कुमार पाल, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दे दिया है।

कोर्ट ने कहा कि 21 दिसंबर को चारों के खिलाफ आरोप तय कर सूचीबद्ध किए जाएं। इन आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत मिले हैं।कोर्ट का कहना है कि आरोपी आशीष कुमार पाल को धारा 304-ए/338/279 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोपित करने के लिए निर्देशित किया जाता है और आरोपी विनोद मिश्रा , हरिपाल सिंह और आरोपी नवीन सिंह को धारा 506 (2) आईपीसी के साथ धारा 34 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध के लिए अलग से आरोपित करने के लिए निर्देशित किया जाता है।

दरअसल यह एक्सीडेंट 2019 में तब हुआ था जब उन्नाव रेप पीड़िता रायबरेली जा रही थी।उस दौरान एक ट्रक ने कार में टक्कर मार दी जिसमें लड़की अपनी दो मौसी और वकील के साथ मौजूद थी।हादसे में उसकी मौसियों ने दम तोड़ दिया, जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

चार्जशीट के मुताबिक 28 जुलाई 2019 को दोपहर 12.45 से 12.50 बजे के बीच आरोपी आशीष कुमार पाल रायबरेली की ओर से लालगंज की ओर सड़क की गलत साइड पर ट्रक चला रहा था।महेंद्र सिंह एडवोकेट द्वारा चलाई जा रही कार ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई, जिससे दो महिला यात्रियों की मौत हो गई, साथ ही चालक महेंद्र सिंह एडवोकेट गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसने बाद में दम तोड़ दिया।

अदालत ने कहा कि आरोप पत्र में कुलदीप सिंह सेंगर का आरोपी व्यक्तियों के साथ सांठगांठ का कोई सबूत नहीं मिला है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर इस दौरान ज्यूडिशल कस्टडी में था। अभियोजन का आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पीड़िता या उसके परिवार के सदस्यों को धमकी देने की साजिश रची लेकिन खुद कोई धमकी नहीं दी।

गौरतलब है कि 1 अगस्त, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया था। दिसंबर 2019 में सेंगर को 2017 में उन्नाव में महिला से बलात्कार के लिए आरोपी ठहराया गया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।लेकिन अब कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट की ओर से उन्नाव रेप केस पीड़िता दुर्घटना केस से बरी कर‌ दिया गया है।

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