आगरा। लॉकडाउन के दौरान हजारों रुपये के आ रहे विद्युत बिल को लेकर गरीब लोग काफी परेशान है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वो पहले टोरंट का विद्युत बिल जमा करे या फिर दो वक्त की रोटी जुटाए। लोगों की इस समस्या को लेकर आगरा ग्रामीण जन कल्याण समिति ने भी टोरंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस समिति के नेतृत्व में गरीब लोग टोरंट के विद्युत बिलों को भरने का विरोध कर रहे है। पीड़ित लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार से लॉकडाउन के समय का विद्युत बिल माफ करने की गुहार लगाई है।
आगरा ग्रामीण जन कल्याण समिति के नेतृत्व में नगला देवजीत अब्बास नगर के लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर टोरंट द्वारा लॉकडाउन की अवधि के भेजे गए बिलों का विरोध जताया और इन बिलों को माफ किये जाने की गुहार लगाई। टोरंट पावर द्वारा जिन गरीब लोगों के घरों में सिर्फ एक पंखा और बल्ब लगा है उनका भी लॉकडाउन की अवधि का लगभग 6 हजार से 10 हजार तक के बिल बनाकर भेज दिये हैं जिससे सभी पीड़ित परेशान है।
पीड़ित लोगों का कहना है कि तीन महीने कोरोना के कारण सारे कारोबार बंद रहे। घर के जो जमा पूंजी थी वो लॉकडाउन पीरियड में खत्म हो गयी। ऐसे में जब सरकार हर तरह की राहत दे रही जे तो विद्युत बिल पर राहत क्यो नही। इतने ज्यादा रुपये का बिल बनाकर भेजा है जैसे उनके घरों में एसी चल रहे है। पीड़ितों का कहना है कि दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी काम नहीं मिल रहा है, ऐसे में टोरंट का बिल कैसे भरेंगे। अगर ऐसी गर्मी में विद्युत कनेसशन कट गया तो वो कैसे रहेंगे। पीड़ितों ने लॉकडाउन के समय का विद्युत बिल माफ किये जाने की मांग की है।
आगरा ग्रामीण जन कल्याण समिति के कपूर चंद रावत और मनोज कुमार का कहना है कि वैसे सरकार कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की मार से गरीब तबके को राहत पहुँचाने की बात कर रही है तो फिर टोरंट के विद्युत बिलो से राहत क्यों नही दी जा रही है। क्या टोरंट ने मुख्यमंत्री राहत कोष में में करोड़ो जमा करके गरीब लोगों के जले पर नमक छिड़कने का लाइसेंस ले लिया है। अगर टोरंट द्वारा लॉक डाउन के समय का विद्युत बिल माफ नहीं किया गया तो यह आंदोलन जारी रहेगा।