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रोड़वेज बस में यात्री टिकट को लेकर भ्रष्टाचार का बड़ा ख़ेल आया सामने, विभाग को ऐसे लगाया चूना

by admin
There was a big news of corruption in the roadways bus on the passenger ticket, the department was deceived

Agra. रोडवेज विभाग में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ा किस हद तक व्याप्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बस को इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन एलॉट न होने पर भी परिचालक ईटीएम से बेखौफ होकर यात्रियों की टिकट बना रहा था। मामला विभाग के चेकिंग दस्ते द्वारा रहनकला पर की जा रही चेकिंग के दौरान सामने आया तो विभागीय अधिकारियों के भी होश उड़ गए। आनन-फानन पर परिचालक से उस एटीएम मशीन को ज़ब्त किया गया और पूरी रिपोर्ट बनाकर निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज को सौंप दी गई। जिसके बाद बस के चालक परिचालक की संविदा को समाप्त किया गया और उनके खिलाफ रकाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

मामला ताज डिपो की रोडवेज बस संख्या UP80 ET8819 का है। यह बस लखनऊ से सवारी लेकर आगरा आ रही थी। सोमवार-मंगलवार के मध्य रात्रि रोडवेज विभाग के यातायात अधीक्षक महेश कुमार और सहायक यातायात निरीक्षक राकेश रहनकला पर चेकिंग कर रहे थे। इस बस को रोका गया और चेकिंग करने पर बस के परिचालक ने ईटीएम मशीन से लगभग 43 यात्रियों के बनाये गए टिकट दिखाए। चेकिंग टीम को इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन देखकर शक हुआ। चेकिंग टीम ने विभाग से ईटीएम मशीन के सीरियल नंबर का मिलान करवाया तो नंबर गलत निकला। अधिक जानकारी जुटाई जाने पर पता चला कि इस मशीन को ईटीएम एलॉट ही नही की गई है।

रोडवेज की ईटीएम से फर्जी टिकट बनाने और बस चालक परिचालक के पकड़े जाने के बाद से निगम में खलबली मची गयी। पूरा मामला खुला तो चालक और परिचालक भी सकते में आ गए। चालक प्रदीप जैन और परिचालक रामपाल ने डिपो में मैनुअल वे बिल पर 37 यात्रियों के किराए की धनराशि जमा कराई।

बताया जाता है कि यूपी में रोडवेज की बसों में ईटीएम से यात्रियों को टिकट दिए जाने का प्रावधान है। ईटीएम से जारी टिकट पर टाइम डेट बस नंबर और जरूरी डिटेल प्रिंट होती हैं। मशीन के ना होने अथवा खराब होने पर कंडक्टर मैन्युअल टिकट बनाते हैं और इसी का फायदा शातिर गैंग उठा रहा है जो प्रतिदिन लाखों रुपए का चूना विभाग को लगा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। आगरा में अलीगढ़ परिक्षेत्र में पिछले 15 सालों से फर्जी चालक परिचालक गिरोह सक्रिय है। परिक्षेत्र से लेकर मुख्यालय तक इनका दबदबा है। कई बार शिकायतें की गई लेकिन उन शिकायतों की अनदेखी कर दी जाती है जिसके कारण इस गिरोह के हौसले बुलंद हैं।

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