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रेलवे स्टेशन पर बॉक्स उठाने वाले कर्मचारियों ने ठेकेदार-रेलवे विभाग के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

by admin
The workers who lifted the box at the railway station opened a front against the contractor-railway department

Agra. पिछले कई महीनों से वेतन न मिलने से नाराज बॉक्स ब्वॉय ने अपने ठेकेदार और रेलवे विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बॉक्स ब्वॉय ने प्रदर्शन कर ठेकेदार की मनमानी व तानाशाही को सभी के सामने रखा और अपनी पीड़ा को रेलवे अधिकारियों के समक्ष पहुंचाने का प्रयास किया। बॉक्स ब्वॉय का कहना है कि कई महीनों से वेतन न मिलने से परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है।

ट्रेन लोको पायलट और गार्ड के बॉक्स उठाने वाले कर्मचारी इस समय आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे आगरा रेल मंडल के निजी ठेकेदार के अधीन काम करने वाले बॉक्स बॉयज़ को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिससे उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। बॉक्स ब्वॉयज़ का कहना है कि कोरोना ने पहले से ही उनकी कमर तोड़ रखी है और अब ठेकेदार अपनी मनमानी करके उन्हें पूरी तरह से आर्थिक रूप से कमजोर कर रहे हैं।

31 दिन काम 30 दिन की सैलरी

बॉक्स ब्वॉयज़ ने बताया कि रेलवे ने जब ठेकेदार को बॉक्स का ठेका दिया था तो ठेकेदार से बात हुई थी कि वह तनख्वाह के साथ-साथ पीएफ और ईएसआई की व्यवस्था भी करेगा लेकिन आज तक उन्हें कुछ भी नहीं मिल पाया। अब तो तनख्वाह भी नहीं मिल रही है जबकि वह 31 दिन काम करते हैं। एक भी छुट्टी नहीं है और उसके बावजूद उन्हें 30 दिन का पैसा दिया जाता है लेकिन पिछले 5 महीनों से तो वह पैसा भी नहीं मिल रहा है।

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