मथुरा। लॉकडाउन के बाद जहां आम जनता के सामने रोजी रोटी तक के लाले पड़ गए हैं, वहीं स्कूल वाले भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। फ़ीस न भर पाने के एवज में बच्चों को उनकी पढ़ाई भी नहीं करने दे रहे, साथ ही उन्हें स्कूल द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है। ऐसा ही मामला गोवर्धन के कई नामी स्कूलों में आजकल खूब देखने को मिल रहा है जहां छोटे छोटे बच्चों को फीस जमा कराने के नाम पर परीक्षा में न बैठने की धमकी दी जाती है।
दानघाटी के पास एक विद्यालय में एक दलित महिला ने प्रधानाचार्य पर फीस न भरने की एवज में बच्चों को परीक्षा में न बैठनें व जाति सूचक सब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। महिला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आज वह विद्यालय आयी और प्रधानाचार्य सर से नमस्ते की तो उन्होंने जातिसूचक शब्दों का स्तमाल किया और फीस न भरने के चलते उसके बच्चों को क्लास से बाहर निकाल दिया जबकि उसने फीस माफी के लिये कई बार प्रार्थना पत्र भी लिखा है।
वहीँ जब इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की तो उन्होंने इन सभी बातों को गलत और निराधार बताया। बहरहाल यह जांच का विषय है की प्रधानाचार्य ने महिला से अभद्रता की है या नहीं, साथ ही फीस न जमा करने के चलते बच्चों को पढ़ाई से वंचित रखना भी गलत है।
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