Agra. आगरा के जिला मुख्यालय में आज एक पीड़ित चर्चा का विषय बना रहा। यह पीड़ित विकलांग है और अपनी विकलांग पत्नी और बेटी के साथ जिला मुख्यालय पर फरियाद लेकर पहुंचा था। पीड़ित विकलांगों प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उसे टोरंट के जुल्म से बचा लें या फिर उसे इच्छामृत्यु दे दें, टोरंट के कारण वैसे ही वह घुट घुट कर मर रहा है। पीड़ित के परिवार के साथ इच्छा मृत्यु मांगने से जिला मुख्यालय में हड़कंप मच गया।
पूरा परिवार है विकलांग
पीड़ित पवन कुमार विकलांग है, उसकी पत्नी और बेटा भी विकलांग है। यह पूरा पीड़ित परिवार ईदगाह के नगला छहुआ में रहता है। पीड़ित अपने विकलांग की गाड़ी पर सामान रखकर जैसे-तैसे परिवार का गुजर-बसर करता है लेकिन आज उसकी स्थिति दयनीय बनी हुई है जिसके कारण वह टोरंट का बिल नहीं भर पा रहा है। इस कारण टोरंट उसका मानसिक रूप से शोषण कर कर रही है।
कोरोना और लॉकडाउन ने सब कुछ बर्बाद किया
पीड़ित का कहना है कि वह पहले अपने रिक्शे पर तंबाकू व अन्य गुटखे रख कर बेचा करता था जिससे भरण पोषण के कुछ इंतजाम हो जाता था लेकिन कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया। आज वह अपने उस व्यापार को भी नहीं कर पा रहा है और परिवार का भरण पोषण भीख मांग कर कर रहा है।
टोरंट दिखा रही है तानाशाही
पीड़ित का कहना है कि उसके पास भरण पोषण के लिए आर्थिक रूप से कुछ नहीं है। ऐसे में टोरेंट पावर का बिल वह नहीं भर पाया तो टोरंट के कर्मचारियों ने उसका विद्युत कनेक्शन काट दिया है जिससे घर में रहना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक रूप से कुछ न होने के कारण वह टोरंट का बिल कैसे भरेगा। इसलिए वह जिलाधिकारी से इच्छा मृत्यु की मांग के लिए आया है।
परिवार सहित मांगी इच्छा मृत्यु
पीड़ित पवन कुमार का कहना है कि वह अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहा है। भीख में भी उसे कुछ नहीं मिलता। ऐसे में वह और उसका परिवार कई कष्टों से जूझ रहा है। इन कष्टों को देखते हुए उसे और उसके परिवार को इच्छामृत्यु दे दी जाए जिससे इन कष्टों से बच सकें।