उन्नाव केस की पीड़िता ने अस्पताल में होश में आने के बाद मजिस्ट्रेट के सामने अपने स्टेटमेंट में कहा कि हम तीनों कुरकुरे के पैकेट्स लेकर खेत गए थे। चारा काटने के बाद वहीं बैठे थे। तभी लंबू यानी हत्यारोपी विनय और सचिन भी कुरकुरे लेकर आए जब हम सभी कुरकुरे खा रहे थे तभी तीखा लगने पर पानी की बोतल मांगी तो कीटनाशक मिला पानी आरोपियों द्वारा दिया गया।जिसे पीड़िता की बुआ और चचेरी बहन ने छीन कर पी लिया। आखिरी में थोड़ा पानी बचा था तो पीड़िता ने पी लिया। इसके बाद जब तीनों किशोरिया छटपटाने लगीं तो लंबू और सचिन वहां से भाग निकले।
उन्नाव कांड की पीड़िता ने मंगलवार को अपना यह बयान दर्ज करवाया।मजिस्ट्रेटी बयान में पीड़िता ने वारदात की एक-एक बात साफ तौर पर बताई। सूत्रों के मुताबिक जेल भेजे गए आरोपियों ने जो तथ्य बताए थे, पीड़िता ने उसकी पुष्टि की है। उसने बताया कि विनय उससे जबरन दोस्ती करना चाहता था। उसने इंकार कर दिया तो वह दबाव बनाने का प्रयास करने लगा। फिर भी कामयाब न होने पर उसने वारदात को अंजाम दिया। यही बात आरोपियों ने भी पुलिस की पूछताछ में बताईं थीं।
पीड़िता ने बयानों में बताया कि वारदात के दिन विनय और सचिन जब उसके पास आए थे तो बहुत ही शांत थे। अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि वह पानी की बोतल में जहर घोलकर लाए हैं। किशोरी के मुताबिक पानी पीने के कुछ मिनट बाद अचानक पूरे शरीर में कुछ होने लगा। ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा और मुंह से झाग गिरने लगा।
लिहाजा कानपुर के रीजेंसी में भर्ती किशोरी को नहीं पता था कि उसकी बुआ व चचेरी बहन की मौत हो चुकी है। जब वह होश में आई और इस बारे में उसको जानकारी मिली तो वह सहम गई। उसको यकीन नहीं हो पा रहा है कि वे दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहीं। पीड़िता के चेहरे पर अफसोस भी दिख रहा है लेकिन पीड़िता की हिम्मत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है जब उसने कहा अगर उसे पानी में जहर नहीं पिलाया गया होता तो वह आरोपियों वहीं पीट देती।