आगरा। ऐतिहासिक स्मारकों को धरोहर के रूप में सहेजने की जिम्मेदारी ASI यानि पुरातत्व विभाग की है लेकिन पुरातत्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी इस जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। इसलिए तो आए दिन ऐतिहासिक स्मारक धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहे है। ऐसा ही कुछ नजारा सोमवार को फतेहपुर सीकरी और बुलंद दरवाजे पर देखने को मिला।
सोमवार को बुलंद दरवाजे के ऊपर बनी मीनार की छतरी अचानक गिर पड़ी। इस हादसे में बुलंद दरवाजा और फतेहपुर सीकरी देखने के लिए आए कई देशी और विदेशी पर्यटक बाल बाल बच गए और चारों ओर अफरा तफरी का माहौल बन गया। इतना ही नहीं अकबर की ओर से बनाई गई लाल पत्थर की दीवार भी खंडहर में तब्दील होती चली जा रही है लेकिन पुरातत्व विभाग को इससे कोई सरोकार नही है। इसलिए तो इस दीवार का रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। कई दिनों से जर्जर अवस्था में दिखने वाली मीनार की छतरी अचानक टूट कर गिर गई।
ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला हादसा हो। इससे पहले भी कई स्मारकों में ऐसी घटनाएं हो चुकी है। जिसमें देशी और विदेशी पर्यटक बाल-बाल बचे थे। यह ऐतिहासिक स्मारक लगातार खंडहर में तब्दील होकर गिरते चले जा रहे हैं लेकिन पुरातत्व विभाग इनके जीर्णोद्धार कराने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठा रहे हैं।