आधार कार्ड से लोगों की निजता का हनन होता है या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ बुधवार को फैसला सुनाते हुए कई जरूरी और अहम बातें कहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि बैंक खाता खोलने के लिए अब आधार जरूरी नहीं है। आधार की अनिवार्यता को 31 याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई थी और इस पर करीब चार महीने तक बहस चली।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ आधार वैध। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी तय कर दिया है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता कहां होगी और कहां इसके अनिवार्यता को कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
यहां नहीं होगी आधार की आवश्यकता-
आधार को मोबाइल से लिंक करना भी जरूरी नहीं होगा।
बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को कोर्ट ने रद्द कर दिया।
स्कूलों में एडमिशन और बोर्ड एग्जाम के लिए आधार जरूरी।
यूजीसी और निफ्ट जैसी संस्थाएं आधार नहीं मांग सकती।
प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है।
आधार के मेटा डेटा का भंडारण या उपयोग नहीं किया जा सकता। प्रमाणीकरण पर डेटा केवल 6 वर्षों के लिए बनाए रखा जाएगा।
यूआईडीएआई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में विशेष रूप से अधिकृत अधिकारियों के साथ डेटा साझा नहीं कर सकता।
यहां होगी जरुरत-
आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा।