आगरा। चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे क्षेत्रवासियों के साथ साथ प्रशासन की मुश्किलें भी बढती हुई दिखाई दे रही हैं। चंबल नदी का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है उससे क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात जो सकते हैं।
चंबल नदी के बढते जलस्तर को लेकर क्षेत्र के लोग सतर्क है तो प्रशासन ने भी किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली है। प्रशासन ने लोगों को अभी से किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है। चंबल नदी का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है उसके बाद से चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज 4 मीटर खतरे के निशान से बह रही है। लगातार कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद से चंबल में तेजी के साथ पानी का जलस्तर बड़ा है। अभी हाल ही में कोटा बैराज से 1लाख 62 हजार क्यूसेक छोड़ा गया था। बीते तीन दिनों में यह पानी चंबल नदी में आ गया है जिसके बाद चंबल नदी उफान पर है।

चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों में बसे गोहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठा पुरा, बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, पुरा शिवलाल, गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क भी कट गया है। चंबल नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाके में हो रही किसानों की खेती भी बर्बाद ही गयी है जिससे किसान भी परेशान है और घाट व नदी के किनारे तटवर्ती इलाको में टकटकी लगाए बैठे हुए हैं। प्रशासन ने भी चंबल नदी के बढते जा रहे जलस्तर को लेकर ग्रामीणों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है और ग्रामीणों से तटवर्ती इलाकों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए है। राजस्व विभाग की टीम लगातार इन क्षेत्रो पर निगाहे बनाई हुई है। टीम ने पानी का बहाव तेज होने से चरवाहा को चंबल नदी किनारे न जाने के निर्देश दिए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि चंबल नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके कारण किसानों की खेती भी डूब गई है। इसी तरह से जलस्तर बड़ा तो नदी के किनारे स्थित गांव डूब जाएंगे।
जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार का कहना है की चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा है लेकिन अभी वह खतरे के निशान से नीचे बह रही है। चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों में चंबल नदी का पानी घुसा है उससे खेती बर्बाद हुई है लेकिन अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं है। एडीएम फाइनेंस और एसडीएम बाह के साथ-साथ लेखपाल और कानूनगो को मौके पर लगाया गया है जो स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं। जिला अधिकारी का कहना है कि इन इलाकों में बाढ़ चौकी बना दी गई है जैसे ही चंबल नदी का जलस्तर बड़े गांव और नदी का पानी गांव में घुसेगा तो लोगों को सूचित कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा