Agra. देश की सेनाओं में वायु सेना का भी अहम स्थान है। आज भारतीय वायुसेना देश के आकाश को दुश्मनों के हमले से सुरक्षित बना रही है। वहीं दुश्मनों को भी मुहतोड़ जबाव दे रही है। इतना ही नहीं प्राकृतिक आपदाओं में भी वायुसेना मददगार बन रही है। इसी के चलते भारतीय वायुसेना ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। मीडिया आउटरीच, आपसी समझ बढ़ाने और भविष्य के सहयोग को मजबूत करने के अपने प्रयास में, भारतीय वायुसेना देश भर में अपने सभी कमानों के तहत विभिन्न फील्ड इकाइयों में मीडिया ओरिएंटेशन कैप्सूल कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इसी क्रम में मध्य वायु कमान के परिक्षेत्र के तहत इस तरह का दूसरा मीडिया ओरिएंटेशन कैप्सूल कार्यक्रम वायु सेना स्टेशन आगरा में आयोजित किया गया।
ताकत से कराया रूबरू
भारतीय वायुसेना ने अपने स्थापना दिवस से पहले भारतीय वायुसेना की ताकत, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते वायुसेना के कदम और उसके इतिहास से रूबरू कराया गया। आज भारत के पास एक से बढ़कर एक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं, जो किसी भी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। भारत के पास सुखोई, राफेल, मिग 29 सहित तमाम युद्धक विमान है जो भारत की तरफ गलत नज़र से देखने वालों को नेस्तनाबूत करने में सक्षम हैं।
8 अक्टूबर1932 को हुई थी स्थापना
भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले 8 अक्टूबर, 1932 भारतीय वायुसेना की स्थापना हुई थी। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ,एयर मार्शल बनाया गया था। देश आजाद होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर “इंडियन एयरफोर्स” किया। वायुसेना के पहले चीफ थे थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट जिन्होंने 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बनाया जिसमें जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 जवानों को शामिल किया गया।
एयरफोर्स के पुराने जहाजों में A-32 भी शामिल है। एयरफोर्स की कमांडो ने A-32 जहाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस जहाज के द्वारा कमांडो को ट्रेनिंग दी जाती है। सेना के कमांडो इस जहाज से जंपिंग ट्रेनिंग लेते है। आज भी A-32 इसी कार्य को अंजाम दे रहा है।
भारतीय वायुसेना के पास इस समय सुखोई, मिग-29 और तेजस जैसे अत्याधुनिक शक्तिशाली विमान है। सुखोई विमान 30 MKI भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बताया जाता है जो किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम है। रूस की मिकोयांग कंपनी द्वारा निर्मित मिग-29 विमान भारतीय सेना में अहम भूमिका निभाता है। यह विमान ने 1999 में करगिल युद्ध और 2019 का बालाकोट एयरस्ट्राइक में अहम रहा है
मिग-21 ने फरवरी 2019 में पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। इस विमान ने दुश्मनों के अंदर खौफ पैदा किया।
प्राकृतिक आपदाओं में भी अहम भूमिका
युद्ध क्षेत्र में ही नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदाओं में भी वायुसेना के रोल अहम रहता है। देश के किसी हिस्से में बाढ़, तूफान लैंडस्लाइड, भूकंप आदि आपदाओ में लोगों को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने के साथ-साथ उन्हें राहत पहुंचाने का काम कर रही है। इतना ही नही विदेशों में भी वायुसेना में कई रेस्क्यू ऑपरेशन किये है। भारतीय वायुसेना का इतिहास बड़ा लंबा एवं गर्व की अनुभूति करने वाला है।
लखनऊ परिक्षेत्र के जनसंपर्क अधिकारी सुशांत सिंह ने बताया कि मीडिया आउटरीच, आपसी समझ बढ़ाने और भविष्य के सहयोग को मजबूत करने के अपने प्रयास में, भारतीय वायुसेना देश भर में अपने सभी कमानों के तहत विभिन्न फील्ड इकाइयों में मीडिया ओरिएंटेशन कैप्सूल कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इसी क्रम में मध्य वायु कमान के परिक्षेत्र के तहत इस तरह का दूसरा मीडिया ओरिएंटेशन कैप्सूल कार्यक्रम वायु सेना स्टेशन आगरा में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई और वहां से भारतीय छात्रों एवं लोगों को आपात स्थिति में रेस्क्यू करने का काम किया है। इसके साथ ही कोविड -19 के दौरान भी भारत के तमाम राज्यों ही नहीं बल्कि विदेशी राष्ट्रों को भी वैक्सीन पहुंचाने का काम भारतीय वायु सेना ने बखूबी निभाया है।
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