आगरा। कमिश्नरेट आगरा की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। आगरा की खाकीवर्दी के दामन पर एक बार फिर बदनुमा दाग लग गया है। दरअसल आपको बताते चले कि यह मामला कमिश्नरेट आगरा के जगनेर थाने से जुड़ा हुआ है। मलपुरा थाना क्षेत्र के नई आबादी अजीजपुर धनौली का रहने वाला शैलेंद्र उर्फ रिंकू का अपने पत्नी से विवाद चल रहा था। न्याय मांगने के लिए रिंकू ने पुलिस अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया। जहां पुलिस अधिकारियों ने उसे न्याय देने के लिए स्थानीय थाने को दिशा निर्देश जारी किए *पीड़ित रिंकू का आरोप है कि वह थानाध्यक्ष जगनेर अवनीत मान के पास पहुंचा तो थानाध्यक्ष अवनीत मान ने उसे थाने में ही एक कमरा दे दिया। थाने में उससे मजदूरी कराई गई। पुलिसकर्मियों के कपड़े धुलवाए गए।।थाने में चलने वाली मैस में खाना खाने वाले पुलिसकर्मियों के झूठे बर्तन धुलवाए गए। तरह-तरह की तरीके से उसे प्रताड़ित किया गया। इतना ही नहीं पीड़ित रिंकू के और भी ज्यादा गंभीर आरोप है। पुलिस आयुक्त आगरा डॉ प्रीतिंदर सिंह के समक्ष पेश होने वाले पीड़ित रिंकू ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष अवनीत मान ने उसे अपने पैतृक गांव बागपत भेज दिया।। जहां थानेदार के पैतृक गांव में भी उससे गोबर उठाया गया।उससे मजदूरी कराई गई। उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार हुआ। *पीड़ित ने कहा कि 20 जुलाई से 18 अगस्त तक पीड़ित में थाने में मजदूरी की, 18 अगस्त के बाद थानेदार के पैतृक निवास पर बंधक रहकर उसने मजदूरी की और 15 अक्टूबर को पीड़ित थानेदार के चंगुल से मुक्त हुआ* कमिश्नरेट आगरा के जगनेर थाने में तैनात थानाध्यक्ष अवनीत मान, थाने के मुंशी अक्षय कुमार के साथ अन्य पुलिसकर्मियों पर भी गंभीर आरोप है। इन आरोपों से नाराज और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह ने एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी किए है। एसीपी खैरागढ़ ने पीड़ित के हर एक बिंदु पर जांच शुरू कर दी है।
थानेदार मुंशी के अलावा और भी पुलिसकर्मियों पर आरोप
पीड़ित रिंकू के मुताबिक पीड़ित ने प्रार्थना पत्र में थाना प्रभारी के अलावा सचिन मुंशी, सुशील बैंसला, अंकित, अक्षय, जगबीर, सनी को भी आरोपी ठहराया है।।पीड़ित का कहना है की जांच कराई जाए एक ही थाने में यह तैनात पुलिसकर्मी आपस में रिश्तेदार हैं। एक ही बिरादरी के हैं।
निष्पक्ष जांच में फंस सकती है गर्दन
जांच अधिकारी अगर थानेदार के पैतृक गांव बागपत में जाकर पीड़ित को साथ में ले जाकर जांच करें तो संभावना जताई जा रही है कि गांव में रहने वाले आस पड़ोस के लोग भी सच बता सकेंगे। इसके अलावा थाने में तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार पीड़ित रिंकू के प्रति कैसा था। इतने दिन तक थाने में बंधक रहने वाले पीड़ित रिंकू के साथ कैसा व्यवहार किया इन सब बिंदुओं पर चल रही जांच में पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस सकती है।