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दैत्य और विक्षिप्त मानसिकता के हैं सनातन के विरोधी – जगतगुरु राम नंदाचार्य स्वामी

by admin

आगरा। श्री कामदगिरि पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु राम नंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनके सवालों के जवाब देते हुए कहा कि विडम्बना है कि आज दूसरे धर्म के नहीं बल्कि हिन्दू ही सनातम का विरोध और अपमान कर रहे हैं। यह विक्षिप्त और दैत्य मानसकिता के लोग हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले अपने नाम से प्रसाद और मौर्य हटाएं फिर कहें कि हिन्दू कोई धर्म नहीं है। अपने पूर्वजों की सूची निकाले और पता करें कि वह किस धर्म के थे।

उन्होंने कहा कि पहले सनातन को जाने और समझे बिना उसके बारे में बात करना मूर्खता है। सनातन का विरोध आज ही नहीं हो रहा। यह सतयुग से हो रहा है। सतयुग में हिरणयाकश्यप, त्रैता में रावण और द्वापर में कंस ने विरोध किया। रावण कहां राम को मानता था। सब मिट गए, लेकिन सनातन आज भी है। देव और दैत्य दो संस्कृतियां हैं। सनातन का विरोध करने वाले दैत्य और समर्थन करने वले देव संस्कृति के हैं।

ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी…, दोहे का वास्तविक अर्थ समझाते हुए कहा कि विरोध करने वाले पहले यह बताएं कि किस डिक्शनरी में ताड़न का अर्थ पीटना लिखा। मात्र श्रीरामचरित मानस को देखकर या पढ़कर उसके मर्म को नहीं समझा जा सकता। ताड़न का अर्थ लालन, पालन, शिक्षा और संरक्षण से है। मानस को समझे बिना उस पर बोलने का किसी को अधिकार नहीं।

लगभग तीन हजार श्रीरामचरित मानस की प्रतियां कथा में बांटने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि राम राज्य नारे लगाने से नहीं श्रीराम चरित मानस से पढ़ने से आएगा। हृदय परिवर्तन करने वाला यह सबका कल्याण करने वाला ग्रंथ है। अन्य ग्रंथ पढ़ने के लिए कुछ नियम है, परन्तु श्रीराम चरित मानस को आप कहीं भी कभी भी पढ़ सकते हैं। मोबाइल पर ही सही प्रतिदिन पांच चौपाई अवश्य पढ़े। संवैधानिक रूप से न सही परन्तु हिन्दुओं की संख्या अधिक होने के कारण भारत हिन्दू राष्ट्र है।

श्रीरामचरित मानस हस्ताक्षर अभियान के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. मदनगोपाल दास ने कहा कि श्रीराम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना के लिए देश भर से अब तक 10 लाख से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं। आगरा में आज से 1 अक्टूबर तक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।

इस अवसर पर नितिन उपाध्याय, अर्चना उपाध्याय, डॉ. राम पाठक, ऋषि त्रिवेदी, संजय जाट, राधेश्याम नामदेव, बृजेश भदौरिया, बॉबी मिश्रा, बीरेन्द्र मिश्रा, अनूप शास्त्री आदि मौजूद रहे।

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