आगरा। देश में लॉक डाउन हुए आठ दिन बीत गए है और ऐसे में ईट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों की दिक्कतें और ज्यादा बढ़ती चली जा रही है। लॉक डाउन के बाद आगरा जिले के ईट भट्ठों पर काम करने वाले ऐसे मजदूर जो अन्य प्रदेशों से आकर काम कर रहे थे, उनमें से बहुत से मजदूर वापस अपने घर चले गए लेकिन काफी मजदूर अभी भी ईट भट्टो पर ही प्रवास कर रहे हैं। ईट थपाई के दौरान सोशल डिस्टेनसिंग का भी पूरा पालन हो रहा है लेकिन ऐसे मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉक डाउन के दौरन ईट थपाई का काम कर रहे ऐसे ही एक मजदूर का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में मजदूर ईट थपाई का काम कर रहा है और लॉक डाउन के दौरान आ रही दिक्कतों को साझा कर रहा है।
ईट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर के सामने आए वीडियो को लेकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना है कि ईट भट्टो पर अन्य प्रदेशों से आये मजदूर काम करते हैं। लॉक डाउन के बाद बहुत से मजदूर चले गए लेकिन कुछ मजदूर ईट भट्टो पर ही रुक गए है जो भट्टे पर ईट थपाई का काम कर रहे है। इस समय ईट भट्टो पर थपाई का काम देखने को मिल जाता है क्योंकि यह मजदूर ईट भट्टो पर ही रहते हैं।
उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के तुलाराम शर्मा का कहना है कि प्रदेश में एक अनुमानित 2600 ईट भट्टे है और आगरा जिले में लगभग 60 ईट भट्टे है। बाह, पिनाहट, जैतपुर और फतेहाबाद में ईट भट्टे है लगभग परिवार सहित 100 लोग एक भट्टे पर मिल जाते थे लेकिन लॉक डाउन के बाद इनकी संख्या घट गई है। जो लोग ईट भट्टो पर रह गए है वो समय गुजारने के लिए ईट थपाई का काम करने लगते है।
तुलाराम शर्मा का कहना है कि मजदूर अपनी दिक्कतों को बयां कर रहे है। सरकार को चाहिए कि ईट भट्टो पर रह गए इन मजदूरों को भी मुफ्त राशन वितरण प्रणाली से जोड़ा जाए और उनकी आर्थिक मदद भी की जाए जिससे यह मजदूर लॉक डाउन में सर्वाइव कर पाए। तुलाराम शर्मा ने कहा कि ऐसे सभी मजदूरों को सेनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराये जाए जिससे ये मजदूर अपना और अपने परिवार को कोरोना से बचा सके।