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सर्किट हाउस की बैठक में नॉन कोविड मरीजों को ईलाज़ न मिलने का उठा मुद्दा, IMA ने दिया सहयोग का आश्वासन

by admin

आगरा। नॉन कोविड मरीजों के इलाज में हो रही देरी और अस्पताल में भर्ती न किए जाने के संबंध में राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह और डॉ जी एस धर्मेश ने प्रशासनिक अधिकारियों व आईएमए के साथ बैठक की जिसमें यह तय किया गया नॉन कोविड मरीजों को भर्ती किए जाने में देरी ना किया जाए और एक भी मरीज को लौटाया ना जाए। आईएमए पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सभी को उपचार दिया जाएगा।

कोविड संदिग्धों को आगरा में बेहतर जांच सुविधाएं मिलें, कोविड संक्रमितों को अच्छा से अच्छा इलाज मिले, इसके लिए रणनीति तैयार की गई। प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह के प्रयास से प्रशासन और आईएमए के पदाधिकारियों के बीच बैठक में शासन, प्रशासन और आईएमए के बीच सांजस्य स्थापित किया गया। बैठक के दौरान डा. जीएस धर्मेश एक चिकित्सक और राज्यमंत्री के रूप में विशेष तौर पर मौजूद थे।

तय किया गया कि इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क और सेनेटाइजेशन के लिए अभियान चलाएगी। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि कोविड संक्रमितों के अलावा नॉन कोविड स्वास्थ्य सेवाओं की किस तरह से बेहतरी हो। जो चिकित्सा संस्थान कोरोना महामारी के दौरान काम नहीं कर रहे, उन्हें किस तरह से जल्दी से जल्दी शुरू कराया जाए। एल-1, एल-2 और एल-3 कोविड सस्पेक्टिड बेहतर से बेहतर सुविधाएं पा सकें, इसके लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम किया जाएगा। कोविड को लेकर आम जनता में किसी तरह का पैनिक न हो, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में आईएमए का सहयोग बहुत जरूरी है। वहीं डॉ जी एस धर्मेश ने मुद्दा उठाया कि आज कोई भी अस्पताल मरीज को भर्ती नहीं करना चाहता, ऐसा क्यों हो रहा है। इस पर आईएमए के पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि प्रीवेंशन कंट्रोल की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, सभी मरीजों को उपचार उपलब्ध कराने में आइए में अपना पूरा योगदान देगी।

आईएमए अध्यक्ष डॉ रवि मोहन पचौरी ने बताया कि आईएमए एक डेडीकेटेड कोविड अस्पताल शुरू करने जा रहा है। प्रशासन के साथ मिलकर यह प्रयास किया जाएगा कि इस अस्पताल में कोविड और नॉन कोविड मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।

बैठक में जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पांडेय, आईएमए के सचिव डा. संजय चतुर्वेदी, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डा. डीवी शर्मा, डा. मानवेंद्र शर्मा, डा. डीसी गोयल आदि मौजूद रहे।

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