आगरा। आगरा के सराय ख्वाजा क्षेत्र में डूडा के द्वारा गरीबों के लगभग 1700 मकान बनाए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार ने राज्य सरकार के माध्यम से भेजा था, जिसमें डूडा ने आगरा की मलिन बस्तियों में सैकड़ों गरीबों के मकान बनाकर के दिए थे। ये मकान बने हुए अभी कुछ ही वर्ष बीते हैं कि इन मकानों की हालत जर्जर होने लगी है। स्थिति यह है कि इन मकानों की छत और दीवारें क्षतिग्रस्त होने लगी है जिसके चलते प्लास्टर या दीवार गिरने का डर हर समय यहां रहने वाले परिवारों को सता रहा है। मकानों के जर्जर हालत में होने के कारण इसमें रहने वाले कई परिवार लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक अपने शिकायती पत्र भेज रहे हैं लेकिन कुंभकरण की नींद में सोए आगरा के जिला प्रशासन के अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे ही हाल ही में ताजा घटना आगरा के सराय ख्वाजा क्षेत्र के अल्लाह नूर उस्मानी नामक लाभार्थी की है। पीड़ित और उसके परिजन घर में बैठ कर खाना खा रहे थे कि अचानक मकान की छत उनके ऊपर भरभरा कर गिर गई जिससे परिवार के कई लोग घायल हो गए। यहां एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
उस्मान के घर की ही तरह यहां ऐसे कई घर है जो गिरासू हालात में है। यदि प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा समय रहते इन जर्जर मकानों में रह रहे लाभार्थियों के जीवन को बचाए जाने के लिए कोई सार्थक पहल नहीं की तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।