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एक दिन में तीन बार बदलता है इस शिवलिंग का रंग, 900 साल पुराने मंदिर का जाने इतिहास

by admin
The color of this Shivling changes three times in a day, the history of the 900-year-old temple

Agra. आगरा में भगवान शिव के 4 प्राचीन मंदिर है। जिनकी अलग-अलग महत्ता है। दूरदराज से लोग मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं लेकिन आगरा में एक ऐसा भी शिव मंदिर है जो दिन में तीन बार रंग बदलता है। इस शिवलिंग का रंग कैसे बदल जाता है, यह आज तक कोई भी पता नहीं कर सका लेकिन शिवलिंग के रंग बदलने ने लोगों को आश्चर्यचकित जरूर कर रखा है। लोग इसे भगवान शिव की लीला मानते हैं। रंग बदलते हुए शिवलिंग को देखने के लिए लोग काफी उत्सुक भी नजर आते हैं।

सावन माह की शुरुआत हो गई है। श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष पूजा आराधना की जाती है। जलाभिषेक के साथ-साथ धतूरे और बिल पत्थरों के पत्तों से विधि विधान के अनुसार शिवभक्त पूजन करते हैं। सोमवार को राजेश्वर महादेव मंदिर का मेला भी है। आगरा के शमसाबाद रोड पर स्थित राजेश्वर मंदिर पर लगने वाले श्रावण मास के पहले सोमवार को मेले को लेकर प्रशासन द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं लेकिन इस मंदिर का इतिहास भी बड़ा रोचक है जिसकी जानकारी अब हम आपको इस खबर में देते हैं।

लगभग 900 साल पुराना है मंदिर

राजेश्वर मंदिर पर लगी पट्टिका और मंदिर के महंत बताते हैं कि यह करीब 850 से 900 वर्ष पुराना है और इसका इतिहास भी बड़ा ही रोचक है। मंदिर के महंत और मंदिर प्रबंधन कमेटी से जुड़े हुए लोग बताते हैं कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना राजाखेडा के एक साहूकार ने करवाई थी। मान्यता है कि साहूकार नर्मदा नदी से शिवलिंग लेकर आ रहे थे। गांव से पहले उन्होंने रात्रि विश्राम के लिए एक जगह बेलगाड़ी रोक दी। रात्रि में स्वप्न हुआ कि जिसमें साहूकार को बताया गया कि शिवलिंग को इसी स्थान पर रहना है। इसके बाद जब सुबह बेलगाड़ी में रखने के लिए शिवलिंग को जमीन से उठाकर ले जाने का प्रयास किया गया तो बैलगाड़ी आगे ही नहीं बढ़ी। कई गाड़ी और दर्जनों लोगों के प्रयास के बाद भी गाड़ी का पहिया आगे नहीं बड़ सका। जिसके बाद शिवलिंग जमीन पर गिर गई और वहीं पर शिवलिंग ने अपना स्थान ले लिया। इसके बाद पांच गांव के लोगों ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया, जिसमें गांव उखर्रा, राजपुर, बाग राजपुर, चमरौली और कहरई सम्मलित हैं।

दिन में तीन बार बदलता है रंग

मंदिर के महंत और कमेटी से जुड़े हुए लोग बताते हैं कि आगरा शहर की सभी प्राचीन मंदिरों में से दूधिया रंग की शिवलिंग राजेश्वर महादेव मंदिर पर ही है। इसकी अद्भुता और महत्व इस बात से लगाई जा सकती है कि यह शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलती है। भोर की पहली किरण के साथ जब दर्शन किए जाते हैं, तो ये दूधिया सफेद होती है। सुबह की पूजा के बाद जब दोपहर में इस शिवलिंग के दर्शन किए जाएं तो इस दूधिया शिवलिंग पर नीले रंग की धारियां आ जाती हैं। वहीं शाम की आरती के समय जब भक्त पूजन के लिए आते हैं, तो भक्तों को गुलाबी रंग के शिवलिंग के दर्शन होते हैं।

इस तरह पड़ा राजेश्वर मंदिर का नाम

महंत बताते हैं कि इस शिवलिंग को राजाखेड़ा की ओर ले जा रहे थे तब यह शिवलिंग यहीं पर स्थापित हो गया तो राजाखेड़ा नाम का अर्थ निकाला गया। राजा + स्वर्ग निकला इसलिए दोनों को जोड़कर इस मंदिर का नाम राजेश्वर महादेव मंदिर रख दिया गया।

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