Agra. किन्हीं कारणों से दंपत्ति माता पिता नहीं बन पा रहे थे। उन्होंने परखनली शिशु तकनीक का सहारा लिया। सरकार हॉस्पिटल के चिकित्सक से वार्ता हुई। शुक्रवार को इस तकनीक के लिए पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिवार के सभी लोग खुश थे लेकिन कुछ देर में ही खुशियां मातम में बदल गयी। चिकित्सकों ने बताया कि पत्नी की मौत हो गयी। परिजनों ने हंगामा काटा और आरोप लगाया कि विवाहिता को बेहोशी की अधिक डोज दी गई जिससे उसकी मौत हुई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और कानूनी कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटना दिल्ली गेट स्थित सरकार हॉस्पिटल की है। आवास विकास कॉलोनी निवासी हिमांशु यादव ने बताया कि पत्नी नमिता यादव बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में शिक्षक है। उन्होंने परखनली शिशु के लिए 2 सप्ताह पहले सरकार हॉस्पिटल में पंजीकरण कराया था। उन्होंने चिकित्सकों से मिले अपॉइंटमेंट के अनुसार शुक्रवार को पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उन्हें चिकित्सकों ने कहा था कि परखनली शिशु तकनीक शुरू करने से पहले की एक छोटा सा ऑपरेशन करना होगा जिसके लिए उन्होंने शुक्रवार सुबह पत्नी को भर्ती करा दिया। दोपहर में ऑपरेशन किया गया और कुछ ही देर बाद चिकित्सक ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले और कहा कि आपकी पत्नी की मौत हो गई। हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हुई है।
हिमांशु ने बताया कि पत्नी पूरी तरह से स्वस्थ्य थी। हिमांशु के अनुसार स्टाफ से जानकारी हुई कि बेहोशी के इंजेक्शन की अधिक डोज देने से पत्नी की मौत हुई है जिसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया। जानकारी मिलते ही हरीपर्वत थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। उन्होंने परिजनों की तहरीर ली और कार्रवाई शुरू कर दी। मृतिका के परिजनों ने बताया कि नमिता की मौत होने की सूचना पर जब वो ऑपरेशन थिएटर में गए तो वहां चारों ओर खून बिखरा हुआ था। ग्लब्स खून से सने हुए पड़े हुए थे।
अस्पताल संचालक डॉ सरकार का कहना है कि ऑपरेशन में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। वरिष्ठ चिकित्सकों ने ऑपरेशन किया था। मरीज को हार्ट अटैक आया जिससें उसकी मौत हुई है, आरोप गलत है।