आगरा। आरटीआई के तहत अपने अंक जानने पहुंचे छात्रों की शिक्षा अधिकारियों से नोकझोंक।
कोरोना महामारी के चलते हाईस्कूल के बच्चों को बिना अंक वाली मार्कशीट देकर प्रमोट कर दिया है। यह मार्कशीट बच्चों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। मार्कशीट में अंक दिलाने की मांग को लेकर छात्र छात्राएं विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में करीब चार दर्जन छात्र छात्राएं बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में आरटीआई के तहत अपने अंक जानने के लिए पहुंचे। आरटीआई के तहत आवेदन जमा करने को कहा तो कर्मचारी उन्हें टालने लगे। हर कोई उन्हें टरका रहा था।
डीआईओएस से नोकझोंक
इस पर वह डीआईओएस मनोज कुमार से मिले तो वो भी नाराज हो गये। छात्रों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस को बुलाने की धमकी दी। इस पर बच्चों की उनसे नोकझोंक हो गई। काफी जद्दोजहद के बाद 43 छात्र छात्राओं के आवेदन पत्र रिसीव किए गए।

बाल आयोग ने किया तलब
बच्चों को अंक दिलाने में बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस बच्चों की मदद कर रहे हैं। नरेश पारस की शिकायत पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव और डीआईओएस को लखनऊ तलब किया। डीआईओएस की तरफ से पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य डा.गोपालदास शर्मा ने डीआईओएस की तरफ से पक्ष रखा।