• श्रीराम कथा की गंगा करती है विश्व कल्याण
• श्रीहरि के द्वारपाल जय-विजय की सुनाई कथा
आगरा। गंगा मैया तो कुछ क्षेत्रों का परन्तु राम नाम की कथा तो सम्पूर्ण विश्व का कल्याण करती है। कथा को कानों से नहीं प्राणों से सुनिए। श्रीराम कथा में संतश्री विजय कौशल जी ने ऋषि नारद के श्रीहरि की भक्ति में लीन होकर तपस्या करने के प्रसंग के साथ समझाया कि आपका तन कहां बैठा है यह महत्वपूर्ण नहीं। महत्वपूर्ण यह है कि आपका मन कहां है। भगवान के भजन में मन जाता है, तन नहीं। मृत्यु के बाद ईश्वर के पास भी शरीर नहीं मन ही जाता है।
मंगलमय परिवार द्वारा सीता धाम कोठी मीना बाजार में आयोजित श्रीराम कथा में आज प्रथम दिन संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने पार्वती जी द्वारा शिवजी से राम कथा के वर्णन का आग्रह व श्रीहरि के द्वारपाल जय विजय की कथा, विश्वमोहिनी के स्वयंवर के प्रसंग का भक्तिमय प्रसंग सुनाया। श्रीमद्रामायण की संगीतमय चौपाइयों व छंद के माध्यम से वर्णन करते हुए गुरु की महिमा बताई। मेरे सद्गुरु दीन दयाला, काग से हंस बनाते… के माध्यम से कहा कि जो गुरु आज्ञा की अवेहलना करके आगे बढ़ते हैं, उसे ठोकर खानी ही पड़ती है। गुरु भगवान की कृपा को प्राप्त कराने वाली चाबी है। ऋषि नारद ने गुरु से ही ईर्ष्या की, जिसका फल उन्हें भुगतना पड़ा। दुर्गुणों के पास रहोगे तो सद्गुणों से दूर हो जाओगे। कहा कि राम और काम दोनों ही मन में होते हैं। राम को मन में बसाइये। अपनी इंद्रियों को वश में करना सीखिए। श्रीराम की आरती के उपरान्त कथा ने विश्राम लिया। सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
जहां स्त्री का सम्मान नहीं वहां बरक्कत नहीं
संतश्री विजय कौशल जी महाराज ने कहा कि जिस घर में स्त्री का सम्मान नहीं होता वहां लक्ष्मी तो हो सकती है परन्तु बरक्कत नहीं। इसलिए घर परिवार की महिलाओं के साथ स्त्री रवर्ग का सम्मान करने के संस्कार अपने बच्चों में डालिए। जिससे घर में सम्पन्नता के साथ खुशियां भी रहे।
जहां-जहां होता कीर्तन सियाराम का, लगता है वहां पहला वीर हनुमान का..
छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना… जैसे भजनों पर भक्त भक्ति भाव में ऐसे डूबे की श्रीहरि की भक्ति में नाचने लगे। भगवान की कृपा से सब काम हो रहै है…, राधा मेरी चंदा तो चांद है चकोरी…, और सिया राम के संकीर्तन की धुन भक्ति में सराबोर करा रही है। कथा स्थल को जगमग रोशनी, भगवा ध्वचों से संवारा गया है। वहीं मंच पर राम दरबार व हनुमान जी की प्रतिमा सुशोभित हो रही है। कथा के प्रारम्भ में राम दरबार की आरती व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
मंगलमय परिवार के महामंत्री राकेश अग्रवाल, अध्यक्ष घनश्याम दास बंसल, महावीर मंगल, रुपकिशोर अग्रवाल, पीके भाई, मुरारीप्रसाद अग्रवाल, गौरव बंसल, राहुल अग्रवाल, हेमन्त भोजवानी, निखिल गर्ग, संजय गोल, सरजू बंसल, प्रशान्त मित्तल, उमेश शर्मा, संजय गोयल, ओमप्रकाश गोयल, हरिमोहन मित्तल, रेखा अग्रवाल, निकिता, आदि उपस्थित थीं।