आगरा। बेनारा उद्योग लिमिटेड – आगरा के अर्तोनी में स्थित एक इंजन बेयरिंग और पिस्टन बनाने वाली फैक्ट्री से वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने लगभग चार फुट लंबी मॉनिटर लिज़र्ड (गोह) को रेस्क्यू किया। मॉनिटर लिज़र्ड को कुछ घंटों तक निगरानी में रखने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
बेनारा उद्योग लिमिटेड के कर्मचारियों के लिए यह काफी चौंकाने वाली सुबह थी, जब उन्हें फैक्ट्री परिसर के अंदर एक मॉनिटर लिज़र्ड दिखाई दी। करीब चार फुट लंबी मॉनिटर लिजर्ड को बगीचे में घूमते देखा गया। जैसे ही गोह पर सुरक्षाकर्मियों की नज़र पड़ी, उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस के हेल्पलाइन (+91-9917109666) पर घटना की सूचना दी जिसके बाद दो सदस्यीय टीम को स्थान पर भेजा गया।
आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ बचाव दल को सबसे पहले मॉनिटर लिजर्ड की तलाश करनी थी। गोह को सुरक्षित रूप से टीम ने रेस्क्यू किया, जिसके कुछ घंटे बाद उसे वापस उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हम फैक्ट्री के कर्मचारियों के आभारी हैं जिन्होंने समझदारी दिखाते हुए हमें सूचना दी। वाइल्डलाइफ एसओएस को अक्सर मॉनिटर लिजर्ड के बारे में कॉल प्राप्त होती हैं, जो विभिन्न शहरी क्षेत्रों में – लोगों के घरों से लेकर स्कूल तक में आ जाती हैं। हमारी टीम संकट में फंसे वन्यजीवों को बचाने के लिए दिन रात काम करती है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करती है।”
इसके तुरंत बाद, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने पीपी नगर, सिकंदरा के एक घर से वुल्फ स्नेक और आगरा के शास्त्रीपुरम में एक केमिकल फैक्ट्री के एक स्टोर रूम से पांच फुट लंबे रैट स्नेक को भी बचाया। बाद में दोनों साँपों को वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
कॉमन मॉनिटर लिज़र्ड या बंगाल मॉनिटर लिज़र्ड आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। वे झाड़ियों, पार्कों, जंगलों में निवास करते हैं और मुख्य रूप से छोटे स्तनधारियों, पक्षियों, कृन्तकों, कीड़ों आदि को खाते हैं।
इस प्रजाति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत सूचीबद्ध किया गया है। मॉनिटर लिज़र्ड पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन अक्सर उनके मांस के लिए उनका शिकार किया जाता है और इनके खरीदने एवं बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी है।