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श्राद्ध पक्ष का हुआ समापन, यमुना किनारे घाट पर लोगों ने किया पितरों को तर्पण व पिंडदान

by admin
Shraddha Paksha ended, people performed tarpan and pind daan to ancestors at the Ghat on the banks of Yamuna

Agra. पितृ विसर्जनी अमावस्या के साथ ही पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष का समापन हो गया है। बुधवार को अमावस्या पर हजारों लोगों ने कर्म कांड कर पितरों को तर्पण दिया। इस दिन ऐसे पितरों को तर्पण दिया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि पता नहीं होती। ताजमहल के दशहरा घाट पर सैकड़ो की संख्या में लोग पहुँचे, जहाँ लोगों ने यमुना नदी में स्नान किया साथ ही विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए उनके नाम से तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान व ब्राह्मणों को भोजन कराया।

बताया जाता है कि सर्वपितृ अमावस्या को पितृविसर्जनी अमावस्या या महालय समापन अथवा महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। महालय के दिन ही सभी पितरों की विदाई होती है। वैसे भी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन पितर श्राद्ध तर्पण की आशा में अपने वंशजों के द्वार आते हैं लेकिन अगर उन्हें पिंडदान न दिया जाये तो ऐसा कहा जाता है कि वे श्राप देकर वापस चले जाते हैं। इसलिये सर्वपितृ विसर्जन के दिनए पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।

Shraddha Paksha ended, people performed tarpan and pind daan to ancestors at the Ghat on the banks of Yamuna

दशहरा घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि आज अमावस्या है, आज श्राद्ध पक्ष का आखरी दिन है। आज के दिन अपने पितरों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। अपने पितरों को तर्पण करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वह लगभग 5 सालों से दशहरा घाट पर आकर अपने पितरों के नाम की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए आ रहे हैं। वह घर से ही पितरों के निमित्त वस्त्र, भोजनए पिंडदान सहित अन्य वस्तुएं लाते है। विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और फिर वस्तुओं को दान देते हैं।

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