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धरने‌ पर बैठे बुजुर्ग दंपति को शिवसेना दिलाएगी न्याय, पुलिस प्रशासन को दिया 3 दिन‌ का अल्टीमेटम

by admin
Shiv Sena will provide justice to the elderly couple sitting on dharna, 3 days ultimatum to the police administration

Agra. अपनी संपत्ति पाने के लिए एक बुजुर्ग दंपत्ति लगभग 45 दिनों से गलन भरी सर्दी में अपने घर के बाहर ही धरने पर बैठा है। स्थानीय पुलिस ने दंपत्ति की कोई मदद नहीं की है तो वहीं उनके बेटे और बहू ही उन्हें इस धरने से हटाकर बाहर धकेलने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन इस मामले में अब शिवसेना आगरा हस्तक्षेप करने जा रही है। इस मामले को लेकर शिवसेना के जिला प्रमुख वीनू लवानिया गंभीर हो गए हैं। उनका कहना है कि जब बुजुर्ग दंपत्ति की पुलिस कोई मदद नहीं कर सकती जबकि लोगों की मदद के लिए पुलिस है तो फिर हिंदूवादी संगठन को आगे आकर कार्रवाई करनी होगी।

3 दिन का अल्टीमेटम:-

लगभग 45 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस व प्रशासन ने इस दंपत्ति की कोई मदद नहीं की है। मदद न मिलने से इस दंपति ने जिला अधिकारी आगरा से इच्छा मृत्यु तक की मांग कर दी। लेकिन फिर भी पुलिस व प्रशासन इस बुजुर्ग दंपत्ति को उसका हक नहीं दिला सकी।शिवसेना के जिला प्रमुख वीनू लवानिया ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर 3 दिन के अंदर पुलिस व प्रशासन ने इस बुजुर्ग दंपत्ति की मदद नहीं की और उसे उसका हक नहीं दिलाया तो शिवसेना अपने हिसाब से इस बुजुर्ग दंपत्ति की मदद करेगी।इस दंपत्ति को उनके घर के अंदर पहुंचाया जाएगा और जो इन्हें बाहर निकालना चाहते है उन्हें घर से बाहर किया जाएगा।

Elderly couple demanded euthanasia from Agra SSP, became enemy of their own life

सीओडी से सेवानिवृत्त हैं बुजुर्ग :-

अपने घर के लिए अपने ही घर के बाहर धरना दे रहे लख्मीचंद यूडीसी सेवानिवृत्त हैं।उनकी इस समय उम्र 75 वर्ष होगी और उनकी पत्नी का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, ऐसे में उन्होंने अपने बेटों से अपनी संपत्ति में से कुछ हिस्सा मांगा था, जिससे वह वहां रहकर गुजर-बसर कर सकें लेकिन उनके बेटों और बहुओं ने पूरी संपत्ति पर कब्जा कर रखा है और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है।

पुलिस की शिथिलता बनी सिरदर्द:-

पुलिस की इस मामले में शिथिल कार्रवाई कई तरह के प्रश्न चिन्ह लगा रही है। आखिरकार जब बुजुर्ग दंपत्ति का घर है, उनकी संपत्ति है तो उनके बेटे उनको उनकी संपत्ति से कैसे बेदखल कर सकते हैं। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया है, यही कारण है कि आज पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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