Agra. अपने शहीद पति के सम्मान और सरकार द्वारा उनकी शहादत पर जो वायदे किये गए उन वायदों को याद दिलाने के लिए शहीद की पत्नी ममता ने सरकार के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है। पीड़िता ममता अपने परिवार के साथ शहीद पति की फोटो को हाथ मे लेकर शहीद के स्मारक पर धरने पर बैठ गयी है। इस घटना ने आम जनमानस को झकझोर के रख दिया है। शहीद की पत्नी द्वारा धरना दिए जाने के लिए लोग सरकार और स्थानीय प्रशासन पर हमला बोल रहे है।
बताते चलें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। शहीदों के नाम में कहरई निवासी कौशल कुमार रावत भी नाम शामिल था। सरकार ने शहीद के परिवार से कई वादे किए थे वो आज कोई वादा पूरा नहीं हुआ। जिसके विरोध में शहीद की पत्नी ममता रावत परिवार सहित शहीद कौशल रावत की प्रतिमा पर धरने पर बैठ गयी है।
शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीद परिवार की आर्थिक तंगी के चलते राज्य सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद, शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने, गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने का वादा किया था लेकिन शासन और प्रशासन के अफसरों से आज तक कोई सुध नहीं ली है।
शहीद कौशल रावत के स्मारक बनाने के लिए परिवार ने अधिकारियों की चौखट पर महीनों चक्कर काटे। इसके बाद भी भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई। मान और सम्मान के लिए शहीद के परिवार ने अपनी ही जमीन पर स्मारक बनवा लिया और पत्नी ममता रावत ने देश के योद्धा कौशल रावत की प्रतिमा अनावरण के लिए अधिकारियों के आने की बाट जोह रही है लेकिन आज तक जनप्रतिनिधियों को शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए समय तक नहीं मिला है।
शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि सितम्बर 2019 में आगरा के शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए 1000 रुपये प्रति शिक्षक स्वेच्छा से दिए थे। इसके आधार पर शिक्षा विभाग ने 65 लाख 57 हजार की धनराशि एकत्रित की गई थी। इस राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया गया, लेकिन 30 महीने बीते जाने के बाद भी अब तक शहीद परिवार को उक्त धनराशि नहीं मिली।
पिछले दिनों शहीद की पत्नी ने एक वीडियो वायरल कर पीएम मोदी ( PM Modi) और सीएम योगी ( CM Yogi) से मदद के लिये गुहार लगाई थी और मदद ना होने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और उसे परिवार के साथ धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शहीद की पत्नी ममता का कहना है कि अब परिवार के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। सरकारी घोषणाएं कागजों पर सिमटकर रह गई हैं। ममता रावत ने ऐलान किया कि अगर अभी भी उनकी मांग पर सुनवाई नही हुई। उनके शहीद पति की प्रतिमा का अनावरण नहीं है और आर्थिक मदद की धनराशि नहीं है तो वह आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होंगी। फिलहाल डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा आज आगरा में है शहीद की पत्नी द्वारा धरना दिए जाने की घटनाओं के कानों तक जरूर पहुंचेगी लेकिन देखना होगा कि डिप्टी सीएम शहीद की पत्नी से मुलाकात करेंगे या नही।