आगरा। बेहतर योजना बनाकर काम करने से जीवन आसान हो जाता है। आज कल के युवा भी अपने जीवन को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग घर—घर जाकर नवदंपतियों का शगुन किट दे रहा है। जानिए क्या—क्या है शगुन किट में।
बेहतर योजना बनाकर काम करने से जीवन आसान हो जाता है। आज कल के युवा भी अपने जीवन को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। रोजगार प्राप्त करने के बाद शादी करना और परिवार को नियोजित करते हुए एक तय अंतराल के बाद बच्चे को जन्म देना। इसमें नव दंपतियों के लिए शगुन किट राह आसान कर रही है।
बाह ब्लॉक के कबारी गांव निवासी 25 वर्षीय रवि ने बताया कि उनके गांव में आशा द्वारा समय-समय पर परिवार नियोजन के प्रति जानकारी दी जाती है। वे बताती हैं कि शादी के दो साल बाद ही पहला बच्चा प्लान करना चाहिए। उन्होंने भी ऐसा ही करना तय किया। जब शादी हुई तो आशा ने उनकी मुश्किल को आसान कर दिया। उन्होंने बताया कि 12 मई 2022 को उनकी शादी हुई उसके बाद आशा संगिनी सुधा देवी ने उन्हें शगुन किट दी और इसके उपयोग के बारे में जानकारी दी। अब वह शगुन किट में मिले परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का उपयोग कर रहे हैं और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें। सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।
डीसीपीएम डॉ. विजय सिंह ने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में बारह हजार शगुन किट ( नई पहल ) का वितरण किया जा चुका है।
शगुन किट की खासियत
परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. विनय कुमार ने बताया कि शगुन किट 12 से 13 इंच के चौकोर लाल रंग के साथ प्राकृतिक जूट के रंग में बना एक बॉक्स है, इसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवदंपति को भेंट किया जाता है। बॉक्स में “नया उपहार शगुन बेमिसाल, नई जोड़ी परिवार खुशहाल“ का स्लोगन भी लिखा होता है। “किट में एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” उन्होंने कहा -आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।
शगुन किट को जानिये
डॉ. विनय ने बताया कि शगुन के इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम होते हैं ।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है।