साउथ अफ्रीका के डरबन में सम्पन हुई इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ बिल्डिंग वुड वर्कर की 5 दिवसीय कॉन्फ्रेंस में से भाग लेकर लोटे उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदुर संघठन के अध्यक्ष काफी उत्शाहित नजर आ रहे है। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेन्स से आगरा लौटने पर उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदुर संघठन के अध्यक्ष ने अपने अनुभव साझा किये। उनका कहना था कि 5 दिनों तक चली इस कॉन्फ्रेन्स में बालश्रम से लेकर असंघठित क्षेत्र के मजदूरो के उथान पर विचार विमर्श किया गया। इतना ही नहीं विश्व स्तर इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ बिल्डिंग वुड वर्कर की और से सभी ट्रेड यूनियन को टू गिव पावर ऑफ़ वर्कर स्लोगन थीम दिया। जिस पर सभी यूनियन के सदस्य अपने अपने देश में काम करेंगे। तुलाराम शर्मा ने बताया कि इस सेमिनार में विश्व के 500 से ज्यादा संघठनो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेन्स में सभी देशो की मजदुर यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपने देश के मजदूरो की वर्तमान स्थिथि और सरकार की पालिसी को सामने रखा। काफी देश ऐसे थे जहा बालश्रम बड़ रहा है और मजदूरो की स्थिथि दयनीय है और कई देश ऐसे थे जहा बालश्रम नहीं है और मजदूरो का सरकार पूरा ख्याल रखती है।
इस कॉन्फ्रेंस में तुलाराम शर्मा ने बालश्रम के साथ असंघठित क्षेत्र के मजदूरो की समस्यों को सामने रखा। उनका कहना था कि भारत में मजदूरो के कार्यो के घंटे तय नहीं है। और वेतन भी कम मिलता है।
इंटरनेशनल कॉन्फ्रेन्स में अधिकतर देशो में मजदूरो की समस्या सामान थी। बी डव्लूआई ने इन समस्यों को गंभीरता से लिया और इन देशो की सरकारो पर इंटरनेशनल दवाब डालने की बात कही जिससे सरकारे मजदूरो के हितो को प्राथमिकता दे।